वर्षा पंधेर, एडिटर, डेली संवाद ऑस्ट्रेलिया। Swastika: स्वास्तिक के प्रतीक को हिंदू धर्म में काफी आस्था की नजरों से देखा जाता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से दुनियाभर में यह एक बार फिर गलत कारणों से चर्चा में बना हुआ है। यह तब हुआ जब ऑस्ट्रेलिया के दो राज्यों ने इस प्रतीक को बैन करने का निर्णय लिया है। कहा गया कि यह प्रतीक नाजियों का प्रतीक है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है क्योंकि एक बार कनाडा ने भी कुछ ऐसा ही कदम उठाया था लेकिन बाद में उसे फिर माफी मांगनी पड़ी थी।
दरअसल, गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के दो राज्यों साउथ वेल्स और विक्टोरिया में स्वास्तिक पर बैन लगा दिया गया है। यहां स्वास्तिक के निशान को किसी भी तरह से दिखाना क्राइम माना जाएगा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड और तस्मानिया ने भी स्वास्तिक को बैन करने की बात कही है। हैरानी की बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया ने यह निर्णय अचानक नहीं लिया है बल्कि इसे बैन करने की तैयारी पहले से ही चल रही थी।
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रिपोर्ट के मुताबिक करीब एक साल चली बहस और विभिन्न समुदायों के साथ विचार-विमर्श के बाद लाया गया बिल विक्टोरिया राज्य की संसद ने पिछले हफ्ते पास कर दिया। इसके तहत राज्य में नाजी प्रतीकों का प्रदर्शन अपराध बन गया है। नाजी सिंबल प्रोहिबिशन बिल 2002 को मंगलवार को संसद की अनुमति मिल गई। न्यू साउथ वेल्स के अटॉर्नी जनरल मार्क स्पीकमैन ने मंगलवार को संसद को बताया कि नाजी स्वस्तिक ने यहूदी धर्म के लोगों सहित समुदाय के सदस्यों को नुकसान पहुंचाया।
प्रतीक के प्रदर्शन पर जुर्माना और सजा
इतना ही नहीं इस बिल के तहत नाजी प्रतीक चिन्ह को प्रदर्शित करना अपराध होगा और इसके लिए 22,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यानी लगभग 12 लाख रुपये का जुर्माना या 12 महीने की कैद अथवा दोनों सजाएं हो सकती हैं। इसके पहले जुलाई फिनलैंड राज्य ने अपने एयरफोर्स के प्रतीक चिन्ह से स्वास्तिक प्रतीक को हटा दिया था।
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इस बिल के पास होते ही कई प्रकार की चर्चाओं ने जन्म लिया। न्यू साउथ वेल्स के ज्यूइश बोर्ड ऑफ डेप्यूटीज के सीईओ डेरेन बार्क का कहना है कि स्वास्तिक नाजियों का प्रतीक है। यह हिंसा को दिखाता है। कट्टरपंथी संगठन भर्ती के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं। हमारे राज्य में काफी समय से इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने की बात चल रही थी।
कभी कनाडा को मांगनी पड़ी थी माफी
कुछ महीने पहले कनाडा में स्वास्तिक पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाले बिल को वापस ले लिया गया था। हिंदू समुदाय द्वार हुए विरोध के बाद स्वास्तिक को नाजी प्रतीक बताते हुए बैन की मांग करने वाले सांसद को विधेयक की भाषा को बदलना पड़ा था। यह भी कहा गया था कि किसी की भावनाओं को आहत करने का इरादा नहीं था।
हिंदू धर्म में क्या स्वास्तिक की मान्यता
असल में स्वास्तिक शब्द संस्कृत भाषा के शब्द स्वास्तिका से बना है। यह एक क्रॉस की तरह आकृति है। इसकी चारों भुजाएं 90 डिग्री पर मुड़ी होती हैं। भुजाएं चारों ओर एक ही तरफ क्लॉकवाइज मुड़ती हैं। हिंदू धर्म में इसे समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता रहा है। लेकिन दुनिया के दूसरे देशों में इसके अलग-अलग मायने निकाले जाते हैं।
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