डेली संवाद, पंजाब। Punjab News: एक्साइज एक्ट 1914 के तहत लाहन बनाते समय पकड़े जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त सजा का प्रविधान है। इसके बावजूद भी सतलुज दरिया के किनारे लाहन की भट्ठियां का लगातार काम चल रहा हैं। एक्साइज विभाग और पुलिस की छापेमारी के दौरान लाहन पकड़ी जाती है। पकड़े जाने पर न्यूनतम एक वर्ष की सजा और जुर्माना एक लाख है । इसके बावजूद भी लाहन बनाने का अवैध धंधा लगातार जारी है।
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लाहन बनाने के लिए प्लास्टिक के बड़े-बड़े लिफाफे दरिया के किनारे रखे जाते हैं। इन लिफाफों में गुड़ एवं अन्य पदार्थ डाल कर सस्ता नशा करने के लिए लाहन तैयार की जाती है। लाहन कई बार इतनी ज्यादा नशीली भी बन जाती है कि जो इंसान इसका सेवन करता है उसकी मौत भी हो जाती है। दरिया सतलुज के इस तरफ जिला जालंधर की पुलिस एवं एक्साइज विभाग कार्रवाई करता है तो दरिया के दूसरी पार लुधियाना पुलिस एवं एक्साइज विभाग छापेमारी करता है। इसपर एडवोकेट राजकुमार भल्ला ने कहा कि अगर ऐसे किसी अपराधी को अदालत में लाया जाए और उसका जुर्म साबित हो जाए तो कम से कम उसे एक वर्ष तो सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा और भारी-भरकम जुर्माना भी देना पड़ेगा।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अगर कार्रवाई में मात्र सामान पकड़ा जाता है तो उसमे अपराध करने वाले अधिकतर समय फरार ही बताए जाते हैं । इसपर एक्साइज के जालंधर जोन के डिप्टी कमिश्नर राजपाल सिंह ने कहा कि एक्साइज विभाग पूरी सतर्कता एवं सख्ती के साथ लाहन पकड़ रहा है और भट्ठियां बंद करवा रहा है। केस दर्ज करने का अधिकार एक्साइज विभाग के पास नहीं है। वह कार्रवाई तो पुलिस ही करती है। उन्होंने कहा कि लाहन का अवैध उत्पादन बंद कराने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।
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