डेली संवाद, पंजाब। Punjab News: पनबस, पीआरटीसी और रोडवेज कॉन्ट्रैक्ट यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर मांगों को पूरा करने की अपील की है। मांगों को लेकर कर्मचारी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। उन्होंने कहा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी की ओर से आम लोगों से कई बड़े दावे किए गए थे लेकिन अब पंजाब सरकार उन मांगों से भाग रही है।
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संघ नेताओं ने कहा कि सरकार किलोमीटर योजना को लेकर टेंडर ला रही है, जिसमें किलोमीटर योजना के तहत 219 बसों का संचालन किया जा रहा है, जिसका लाभ निजी ठेकेदारों को मिल रहा है। उन्होंने कहा की अगर हमारी मांगो को नहीं माना गया तो एक बार फिर पंजाब में चक्का जाम किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पनबस और पीआरटीसी बसों में लगे कच्चे मुलाजिमों को जल्द से जल्द पक्का किया जाए।
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इसके साथ ही सरकारी बसों की संख्या करीब 10 हजार तक की जाए। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि 28 कर्मचारियों उनकी ओर से भर्ती किए गए थे जिनके पास कोई प्रशिक्षण या अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ये सभी कर्मचारी अरोड़ा में उतरते हैं, तो वे लोगों के जीवन को खतरे में डाल देंगे। उन्होंने कहा कि जो पुराने कर्मचारी हैं, उनकी नौकरी बहाल की जा सकती है और उन्हें फिर से काम पर रखा जा सकता है लेकिन सरकार जानबूझकर उन्हें बहाल नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार समान काम समान वेतन दिया जाए। उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने 219 बसों के टेंडर जारी कर दिए हैं। ये टेंडर 6 साल के लिए वैध होंगे जिससे अरबों रुपये का नुकसान होगा। पंजाब सरकार एजेंसी के साथ आउट सोर्स की भर्ती कर रही है। एक साल में आउट सोर्स कंपनी को 27 से 28 करोड़ रुपए जा रहे हैं। एक कर्मचारी के 18000 रुपये के वेतन पर 18% जीएसटी के साथ, 3200 रुपये ठेकेदार को जाता है।
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