डेली संवाद, लुधियाना। Punjab News: पंजाब में प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने बड़ी कार्रवाई की है। जालंधर ED के अफसरों ने इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (Improvement Trust) के पूर्व चेयरमैन के बैंक खातों समेत 5.58 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर दिया है। यह कार्रवाई इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (Improvement Trust) में हुए घोटालों की जांच के बाद की गई है।
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जानकारी के मुताबिक लुधियाना (Ludhiana) इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (Ludhiana Improvement Trust) के पूर्व चेय़रमैन रमन बाला सुब्रमण्यम की अचल संपत्तियों सहित बैंक खातों में पड़े पैसों को मिलकर कुल 5.58 करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क कर दिया गया है। जालंधर प्रवर्तन निदेशालय यानी जालंधर ईडी द्वारा ये कार्रवाई पूर्व चेयरमैन रमन बाला के कार्यकाल में हुए घोटालों को लेकर की गई है।

LDP योजना के तहत घोटाला
आपको बता दें कि, करीब तीन माह पहले मौजूदा इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों ने ED को भेजे गए पत्र में लिखा था कि रमन बाला सुब्रमण्यम के कार्यकाल दौरान LDP योजना के तहत अलॉट किए प्लॉटों को धांधली की शिकायत की गई थी। जिसके बाद मामले में जांच शुरू हुई। पहले पंजाब विजिलेंस द्वारा मामले की जांच की गई और फिर तीन माह पहले ईडी भी इस केस में एक्शन मोड में आ गई।

बैंक बैलेंस अस्थायी रूप से कुर्क किया
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जालंधर द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (एलआईटी) के तत्कालीन अध्यक्ष रमन बाला सुब्रमण्यम से संबंधित 5.58 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों और बैंक बैलेंस को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। कार्यकारी अधिकारी कुलजीत कौर और न्यू सीनियर सेकेंडरी स्कूल सोसाइटी सराभा नगर, लुधियाना के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
रिश्वत के लेकर आवंटन की शर्तों का उल्लंघन किया
ईडी ने सतर्कता ब्यूरो लुधियाना द्वारा आईपीसी 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज 02 एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। ईडी की जांच से पता चला कि लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन ने निजी व्यक्तियों के साथ मिलीभगत करके व्यक्तियों को अनुकूल प्लॉट आवंटित किए। कुछ अयोग्य व्यक्तियों और संस्थाओं को प्लॉट आवंटित किए।

गैर-निर्माण शुल्क की अवैध छूट दी और इसके बदले में रिश्वत लेकर आवंटन की शर्तों के उल्लंघन पर कार्रवाई को टाला। ईडी की जांच से आगे पता चला कि आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से उत्पन्न अपराध की आय (पीओसी) बैंक खातों में जमा की गई और अचल संपत्तियों में निवेश की गई थी। इससे पहले 24.08.2023 को छह स्थानों पर तलाशी ली गई और 1.5 करोड़ रुपए की रकम जब्त की गई थी।






