डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब में जालंधर उप चुनाव के बीच आम आदमी पार्टी के नेता और कैबिनेट मंत्री की कथित तौर पर अश्लील वीडियो को लेकर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। इस बीच पंजाब के गर्वनर बनवारी लाल पुरोहित और भगवंत मान के नेतृत्व वाली AAP सरकार के बीच फिर से तनातनी शुरू हो गई है।
गर्वनर बनवारी लाल पुरोहित ने AAP नेता और कैबिनेट मंत्री की कथित अश्लील वीडियो मामले में चंडीगढ़ के DGP को फटकार लगाई है। साथ ही वीडियो की फोरेंसिक जांच के साथ-साथ शिकायतकर्ता कांग्रेसी विधायक सुखपाल सिंह खैहरा द्वारा मुहैया करवाए गए तथ्यों की भी जांच के आदेश दिए हैं।
राज्यपाल के कोई आदेश नहीं पहुंचे
उधऱ, अपने कैबिनेट मंत्री के बचाव में उतरी AAP सरकार का कहना है कि उनके पास अभी तक राज्यपाल के कोई आदेश नहीं पहुंचे हैं। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि किसी के बारे में धारणा बनाना ठीक नहीं है। हमारे पास राज्यपाल के आदेश आएंगे तो वीडियो और तथ्यों की हर पहलु से जांच करवाई जाएगी।
मामले में शिकायतकर्ता सुखपाल खैहरा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के बयान के बाद ट्वीट करके कहा- मुख्यमंत्री एक तरफ कह रहे हैं कि अभी उन्हें वीडियो नहीं मिली है, फिर वह कैसे कह सकते हैं कि उनका मंत्री निर्दोष है। मुख्यमंत्री से कहा है कि आपको अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी क्योंकि आप लोगों के प्रति जवाबदेह हैं।
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सुखपाल खैहरा ने लिखा है कि – क्या अपने मंत्री के ऐसे घोर दुराचार को किस आधार पर क्लीन चिट दे रहे हैं? अगर आपका मंत्री बेकसूर है तो फिर वह अंडरग्राउंड क्यों है। क्या आप अपने मंत्री के ऐसे अनैतिक कार्यों को उचित ठहराते हैं?। क्या आपको मंत्री में कुछ व्यक्तिगत रुचि है?। इन सभी सवालों के जवाब की जरूरत है।
इससे पहले कैबिनेट मंत्री के बचाव में उतरे CM भगवंत मान ने सुखपाल खैहरा, दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और अकाली नेता बिक्रम मजीठिया की बयानबाजी पर तंज कसा था। उन्होंने कहा कि यह तीनों एक ही हैं। कई बार वह आपस में सलाह नहीं कर पाते और तीनों एक ही बात बोल जाते हैं।
मुझे तो अभी तक इस्तीफा मिला नहीं
मुख्यमंत्री भगवंत मान से पूछे जाने पर कि सिरसा ने ट्वीट किया है कि मंत्री ने इस्तीफा भेज दिया है?। इस पर मान ने कहा कि मुझे तो पता नहीं, हो सकता है उन्होंने सिरसा को भेजा हो। मुझे तो अभी तक इस्तीफा मिला नहीं है।
मान ने कहा कि था मनजिंदर सिंह सिरसा और सुखपाल खैहरा की एक जैसी तासीर है। दोनों पार्टियां बदलने और इस्तीफा देने के माहिर हैं। जालंधर में इनके पास कोई मुद्दा नहीं है। दोनों बौखलाहट में बोलते रहते हैं। सिरसा, मजीठिया और सुखपाल खैहरा बैठकर बातें करते रहते हैं कि आज क्या नया करना है।
भगवंत मान ने कहा कि तीनों ने मंत्री को लेकर कोई सलाह नहीं की तो इनके बयानों में विरोधाभास है। कोई कह रहा है भतीजे को अपना PA लगा लिया। कोई कह रहा है साली के लड़के को अपना असिस्टेंट बना लिया। आज खैहरा को मंत्री बुरा लग रहा है वह यह बताएं कि PDA में मंत्री को टिकट किसने दी थी?। जब सभी कामरेडों ने मिलकर पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस (PDA) बनाई थी उस वक्त PDA का प्रधान कौन था। यह इनकी बौखलाहट है क्योंकि इनके परचे खुल रहे हैं।
खैहरा में सब्र नहीं है
भगवंत मान ने पिछले दिन कहा था कि खैहरा को बड़ी कुर्सी का बहुत शौक है, वह उनके साथ रहे हैं। यदि प्रधान की कुर्सी उन्हें कहीं खाली नजर आ जाए को वह उस पर विराजमान हो जाते हैं। उन्हें फिर कुर्सी से उठाना अच्छा नहीं लगता। उन्हें माइक के आगे बैठने का भी बहुत शौक है। कई बार तो वह पत्रकारों को वॉट्सऐप मैसेज करके बुला लेते हैं कि वह 2 घंटे से फ्री बैठे हैं आ जाओ। खैहरा में सब्र नहीं है।
उधर, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बेशक मुख्यमंत्री भगवंत मान बाहर कुछ भी कहें लेकिन इस मामले को लेकर जो किरकिरी हो रही है उसकी उन्हें चिंता भी है। यही वजह है कि सचिवालय में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के दफ्तर में कैबिनेट मंत्रियों की इस मामले पर घंटों चिंतन बैठक चली। राज्यपाल के पास पहुंची वीडियो पर मंथन हुआ।
वित्त मंत्री के दफ्तर में चार मंत्री खुद वित्त मंत्री हरपाल चीमा, कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, चेतन सिंह जौड़माजरा और कृषि एवं पंचायती राज मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल की बैठक हुई थी। बता दें कि राज्यपाल को अश्वलील वीडियो देने के बाद भी खैहरा ने मंत्री का नाम एक्सपोज नहीं किया था। लेकिन सिरसा ने एक मंत्री का अपने ट्वीट में सीधे नाम लिख दिया था।
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सुखपाल खैहरा के बाद अब कांग्रेस प्रधान राजा वड़िंग ने मान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वड़िंग ने मान और केजरीवाल से पूछा- अश्लील वीडियो में पंजाब का कौन सा मंत्री है?।
जालंधर उपचुनाव में प्रचार को लेकर मान और केजरीवाल का आने वाले दिनों दौरा है। उन्होंने कहा कि जालंधर आने से पहले उस मंत्री का नाम सार्वजनिक करें। साथ ही यह भी मांग की है कि वह नेताओं का नाम बदनाम करने वाले मंत्री से तुरंत इस्तीफा लें और उसे मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें।
वैसे तो मुख्यमंत्री समेत पूरे पंजाब को मंत्री के बारे में पता चल चुका है, लेकिन नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान को गवर्नर हाउस जाकर ऑफिशियल तरीके से वह वीडियो हासिल कर तुरंत प्रभाव से उस मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर कोई आंदोलन छेड़े या फिर प्रदर्शन शुरू करे उससे पहले-पहले ही मुख्यमंत्री कार्रवाई करें।