Punjab News: एजीटीएफ द्वारा फिरौती रैकेट का पर्दाफाश, पुलिस ने गिरफ्तार किया 24 वर्षीय मास्टरमाइंड

Muskan Dogra
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) के दिशा-निर्देशों के अनुसार पंजाब (Punjab) को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चल रही मुहिम के दौरान संगठित अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने एक 24 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है, जो खुद को विदेशी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का भाई बताकर एक स्थानीय ऑटोमोबाइल शो रूम मालिक से जबरन पैसे वसूलने की कोशिश कर रहा था। यह जानकारी शनिवार को डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने दी।

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दोषी, जिसकी पहचान लवजीत सिंह निवासी बरगाड़ी, फरीदकोट के रूप में हुई है, ने शिकायतकर्ता से 1 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की थी और राशि न देने की स्थिति में शिकायतकर्ता और उसके परिवार को जान से मारने की धमकियां दी थीं।डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि दोषी ने पुलिस से बचने के लिए अपनी पहचान छुपाने और फिरौती कॉल करने के लिए वर्चुअल नंबरों और सोशल मीडिया एप्स का उपयोग किया।

फर्जी फिरौती कॉलों से सावधान रहने की चेतावनी

लोगों को फर्जी फिरौती कॉलों से सावधान रहने की चेतावनी देते हुए, उन्होंने कहा कि हाल ही में यह देखा गया है कि कई अज्ञात अपराधी, जिनका किसी भी गिरोह या गैंगस्टरों से कोई संबंध नहीं होता, ऐसे संगठनों का नाम लेकर लोगों के डर का फायदा उठा रहे हैं। डीजीपी ने कहा, “हम लोगों से अपील करते हैं कि जब भी फिरौती कॉल आएं तो तुरंत पुलिस को सूचित करें ताकि कानून सही तरीके से अपना काम कर सके।”

तीन महीने पहले जाली फिरौती रैकेट का किया था पर्दाफाश

जिक्रयोग्य है कि, तीन महीने पहले, एजीटीएफ ने मलेशिया से चलाए जा रहे एक जाली फिरौती रैकेट का पर्दाफाश किया था, जिसमें पंजाब भर में गायकों, कारोबारियों और अमीर व्यक्तियों को निशाना बनाया जा रहा था। अपराधी, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों के रूप में पीड़ितों और उनके परिवारों को डरा कर पैसे वसूलता था।

इस ऑपरेशन संबंधी विवरण साझा करते हुए, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एजीटीएफ प्रमोद बान ने कहा कि एजीटीएफ को फिरौती के बारे में शिकायत मिली थी और तेजी से कार्रवाई करते हुए, एजीटीएफ की पुलिस टीमों ने तकनीकी जानकारी और खुफिया सूचना के माध्यम से कॉल करने वाले के असल ठिकाने का पता लगाया, जिससे दोषी लवजीत की पहचान हुई और उसे मोहाली से गिरफ्तार कर लिया गया।















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