डेली संवाद, केदारनाथ धाम। Kedarnath Dham: Char Dham Yatra- उत्तराखंड (Uttarakhand) में आज केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट खोल दिए गए। कपाट खुलते ही भक्तों ने मंदिर के अंदर जलती अंखड ज्योति के दर्शन किए। इसके बाद रुद्राभिषेक, शिवाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र और केदाराष्टक के मंत्रों का जाप किया गया।
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मंदिर में सबसे पहले कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत समुदाय के मुख्य रावल भीमशंकर पहुंचे। इसके बाद बाबा पर 6 महीने पहले चढ़ाया गया भीष्म शृंगार हटाया गया। 2500 लोग इस वक्त धाम में मौजूद हैं। भीड़ मैनेज करने के लिए टोकन सिस्टम से दर्शन करवाए जा रहे हैं। भक्त अब अगले 6 महीने तक दर्शन कर सकेंगे।

बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे
जून से अगस्त के बीच मौसम ठीक रहा तो इस बार 25 लाख से ज्यादा लोगों के केदारनाथ धाम पहुंचने का अनुमान है। 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे।
क्या है बाबा का भीष्म शृंगार
पट खुलने के बाद भीष्म शृंगार हटाया जाएगा। यह प्रक्रिया भी दिलचस्प है। सबसे पहले शिवलिंग के पास रखे गए मौसमी फल और ड्राई फ्रूट्स का ढेर हटाते हैं। इसे आर्घा कहते हैं। फिर बाबा पर चढ़ी एक से लेकर 12 मुखी रुद्राक्ष की मालाएं निकालते हैं।

इसके बाद शिवलिंग पर चारों ओर लपेटा गया सफेद कॉटन का कपड़ा हटाया जाता है। पट बंद करते समय शिवलिंग पर 6 लीटर पिघले हुए शुद्ध घी का लेपन करते हैं, जो इस वक्त जमा होता है, इसे धीरे-धीरे शिवलिंग से निकालते हैं। इसके बाद होता है शिवलिंग का गंगा स्नान।
भीष्म शृंगार में करीब 5 घंटे लग जाते हैं
गोमूत्र, दूध, शहद और पंचामृत स्नान के बाद बाबा केदार को नए फूलों, भस्म लेप और चंदन का तिलक लगाकर तैयार किया जाएगा। कपाट बंद करते समय भीष्म शृंगार में करीब 5 घंटे लग जाते हैं, लेकिन कपाट खोलते वक्त आधे घंटे में इसे हटा दिया जाता है।

श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “चार धाम यात्रा 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर शुरू हो गई है। आज से दो दिन बाद भगवान बद्रीनाथ विशाल के कपाट भी खुल जाएंगे और यात्रा पूरे जोर-शोर से शुरू हो जाएगी।
हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित हो और उन्हें यात्रा के दौरान किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े और इसके लिए हमने उचित व्यवस्था की है।






