जालंधर। निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा आज होगी। पंडित गरुण प्रसाद ने बताया कि आश्विनी नक्षत्र एवं ध्रुव योग के युग्म संयोग में पूजा की जाएगी। भगवान विश्वकर्मा को निर्माण का देवता माना जाता है।
पूजा शुभ मुहूर्त
- संक्रांति काल मुहूर्त: प्रात: 05:54 बजे से 12:00 बजे तक अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:20 बजे से 12:08 बजे तक
- गुली काल मुहूर्त: दोपहर 11:44 बजे से 01:16 बजे तक
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार पौराणिक काल में देवताओं के अस्त्र-शस्त्र व सोने की लंका, पुष्पक विमान, इंद्र का व्रज, भगवान शिव का त्रिशूल, पांडवों की इंद्रप्रस्थ नगरी, भगवान कृष्ण की द्वारिका नगरी को भी बनाया था। इस वजह से निर्माण और सृजन से जुड़े लोग विश्वकर्मा जयंती को श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं।
इस तरह करें पूजा, प्रसन्न होंगे भगवान
भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए सबसे पहले पूजा के लिए जरूरी सामग्री जैसे अक्षत, फूल, चंदन, धूप, अगरबत्ती, दही, रोली, सुपारी, रक्षा सूत्र, मिठाई, फल सभी पूजा की चीजें एकत्र कर लें। इसके बाद कलश को स्थापित करें और फिर विधि—विधान से पंडितजी के माध्यम से पूजा करें। इसके बाद बिजनेसमेन को अपने ऑफिस, दुकान या फैक्टरी के साथियों व परिवार के साथ प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही पूजा स्थान को छोड़ें।
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