विदेशी लोगों को व्यापार के लिए भारत बुलाना, देश की जनता और कर्णधारों के लिए अच्छा नही : संत उमाकांत जी, देखें VIDEO

Daily Samvad
5 Min Read

चीन से मोह भंग अब भारत को बना रहे व्यापारिक टारगेट

डेली संवाद, जालंधर/उज्जैन
भारत को आध्यात्मवाद के द्वारा विश्वगुरु बनाने का संकल्प रखने वाले उज्जैन के संत बाबा उमाकान्त जी महाराज ने देश के वर्तमान हालातों पर देश की जनता और कर्णधारों को सन्देश देते हुए कहा कि एक देश का दूसरे देश से व्यापारिक समझौता होता है कि हम अपना सामान आपके यहाँ बेचेंगे और आपका सामान खरीदेंगे।

[ads2]

सत्संग के बारे में जानकारी देते हुए जय गुरुदेव संस्था पंजाब प्रांत के प्रमुख दीनानाथ प्रधान ने बताया कि पूज्य महाराज जी ने कहा है कि विदेश से लोग आकर कहेंगे हम आपके यहाँ कल कारखाने लगाएंगे, आप हमारे यहाँ लगा सकते हो, तो ऐसे में किसी-किसी मे सरकार का हिस्सा होता है तो किसी-किसी मे केवल व्यापारियों का इसी तरह से हज़ारों व्यापारियों के कल कारख़ाने और धंधे चाइना में चलते है। लेकिन अब चाइना की आंतरिक हालात ख़राब हो रही है।

बाहर से अपनी ऐंठ में हीरो बनने के चक्कर मे भले ही कुछ ना बताता हो। पर वहां की हालत ख़राब हो रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो शक्तिशाली देश के मालिक बताए जाते है, वो भी कहने लगे कि कोरोना को चीन ने छिपाया। कोरोना में मरे लोगों को छिपाया, मरे ज्यादा पर दिखाया कम, ये बिना आधार के बात नहीं कही गई है।

तो ऐसा कहते है, कि जब आदमी  बौखलाहट में होता है, तो गलती पर गलती करता चला जाता है। मानवता, इंसानियत को भी भूलता चला जाता है। तो कुछ घटनाएं ऐसे दूसरे देशों के लिए भी चाइना की तरफ से हो गई है तो लोगों का चाइना की तरफ से होने लगा मोह भंग। तो वहां से हटकर अब भारत को टारगेट बना रहे है । व्यापार के लिए भारत सरकार से सम्पर्क कर रहे है।

विदेशी व्यापारियों का भारत आना ख़तरे की घंटी

महाराज जी ने लोगों को आगाह करते हुए बताया कि विदेशी व्यापारियों का भारत आना, भारत के लिए ख़तरे की घंटी है। महाराज जी ने इतिहास याद दिलाते हुए बताया की जब अंग्रेज भारत आये थे तो राज करने नहीं बल्कि व्यापार करने आये थे, पर उनको यहाँ की जलवायु सूट कर गई,लोग अच्छे लगे। यहां उनको कच्चा माल मिलने की संभावना ज्यादा लग गई। तो सबसे पहले उन्होंने पहले यहां व्यापार स्थापित किया।

लोगों का खानपान, चालचलन बदला। फिर आप समझो जनता को, बड़े-बड़े राजाओं को अपने हाथ मे लिया और हुकूमत करने लगे।  जब जनता दुःखी हुई तो आवाज़ लगाई किस्से उस मालिक और परमपिता परमेश्वर से लगाया। भगतसिंह, चंद्र शेखर आज़ाद, महात्मा गांधी आगे बढ़े लेकिन कुर्बानी देनी पड़ी। कैसे-कैसे ये देश आजाद हुआ अब इस समय जो कुर्सियों पर बैठे है उन्हें क्या पता हैं कि कितना ख़ून बहाया है।

[ads1]

देश की सुरक्षा ख़तरे में

महाराज जी ने देश को चलाने वालों से ये अपील करी की इस समय जो ऊंची कुर्सी पर बैठें है। आप सब को विचार करना चाहिए, बड़े-बड़े राजनेता ही नही बड़े-बड़े अधिकारी और जो बड़े लोग है जो देश के शुभ चिंतक है। सबको विचार करना चाहिए।  विदेशी लोग जो यहां कल कारखाने लगाने के लिए आना चाहते है। इनके प्रस्ताव को खारिज़ कर देना चाहिए।

अगर इन्होंने यहां कारखाने लगा दिए तो आप ये समझ लो कि देश की सुरक्षा ख़तरे में पड़ जाएगी। फिर आप किसी को रोक नही सकते आने-जाने के लिए, किसी ना किसी बहाने से आ जाएंगे। किस देश के लोग है, कहा से आएंगे, कैसे आएंगे? और अगर इन्होंने बड़े-बड़े अधिकारियों को लालच दे दिया, ख़रीद लिया। तो देश फिर परतंत्र हो जाएगा।

महाराज जी का संदेश यहां देखें

https://www.youtube.com/watch?v=YW_ymy5o_6k















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *