लाहौर। पाकिस्तान में हमेशा से तख्तापलट करने वाली सेना इस बार प्रधानमंत्री को बचाने के लिए उनका सुरक्षा कवच बनी गई है. पाकिस्तान में आजादी मार्च के जरिए प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग करने की खबरों के बीच पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने जमीयत उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेता मौलान फजलुर रहमान से मुलाकात की है. बाजवा ने मौलाना फजलुर से आजादी मार्च नहीं निकालने की चेतावनी दी है।
‘जियो न्यूज’ के मुताबिक जनरल बाजवा और मौलाना फजल की कुछ दिन पहले मुलाकात हुई. इस मुलाकात के दौरान मौलाना ने विश्वास दिलाया वह लोकतंत्र और संविधान के साथ है, लेकिन इस समय ऐसा करना बेहद जरूरी हो गया है. मौलाना ने जनरल बाजवा से कहा कि वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे, जो संविधान के खिलाफ हो. इस मुलाकात के दौरान मौलाना फजल से कहा कि वह एक जिम्मेदार राजनेता हैं और उन्हें पता होना चाहिए कि इलाके के हालात किस हद तक बिगड़े हुए हैं. यह आजादी मार्च निकालने का सही समय नहीं है।
जनरल बाजवा ने मौलाना फजल को ये बताने की भी कोशिश की कि प्रधानमंत्री इमरान खान देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश में लगे हुए हैं. उन्होंने मुलाकात के दौरान मौलाना को चेतावनी भी दी कि पाकिस्तान में जिस तरह के हालात अभी बने हुए हैं, उसे देखते हुए किसी को भी अस्थिरता फैलाने वाली किसी भी कार्रवाई’ की इजाजत नहीं देंगे. सैन्य प्रमुख ने कहा कि इमरान संवैधानिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री हैं और उन्हें दरकिनार कर कोई भी काम नहीं किया जाना चाहिए।
साजिश के तरह मौलाना कर रहे ऐसा काम : इमरान
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि मौलाना फजलुर्रहमान को साजिश के तहत ऐसा करने के लिए कहा गया है. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि ‘मेरे इस्तीफे का कोई सवाल नहीं है और मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. आजादी मार्च एक एजेंडे पर आधारित है और इसमें विदेशी समर्थन है।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कहा कि जेयूआई-एफ के विरोध से भारत में खुशी का माहौल है. बैठक में इमरान खान ने स्वीकार किया कि महंगाई और बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, जिसे उनकी सरकार सुलझाने की कोशिश कर रही है।