चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी के चंडीगढ़ सेक्टर- 20 स्थित कोठी में SIT की टीम ने छापा मारा। पूर्व डीजीपी के नहीं मिलने पर कोठी पर एसआईटी की टीम ने ताला लगा दिया है। एसआईटी ने चंडीगढ़ में उनके आवास के अलावा, मोहाली और हिमाचल प्रदेश के मंडी में स्थित उनके फार्म हाउस पर भी दबिश दी है। सैनी इन तीनों ठिकानों पर मौजूद नहीं थे।
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पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी पर आईएएस अफसर के लड़के बलवंत सिंह मुल्तानी को अगवा व कत्ल का आरोप है। इस मामले में मोहाली अदालत ने उन्हें कोई राहत नहीं दी थी। मामले में बनाई SIT कभी भी सैनी को गिरफ्तार कर सकती है। एडिशनल सेशन जज रजनीश गर्ग की अदालत में सुनवाई के दौरान सैनी के वकील एपीएस देयोल ने कहा कि 29 साल बाद केस खोलने का क्या मलतब बनता है? देयोल ने कोर्ट को बताया कि जब केस सुप्रीम कोर्ट में केस को खत्म कर दिया गया था, तो 29 साल बाद फिर क्यों केस की याद आई।
सारा पॉलिटिकल प्रेशर है
सैनी के वकील ने कहा कि पूर्व डीजीपी सैनी ईमानदार अफसरों में माने जाते हैं। उन्हेें कई अवार्ड भी मिले हैं। अगर सेक्टर-17, चंडीगढ़ पुलिस स्टेशन में सारा केस हुआ, तो फिर मोहाली की ज्यूरिडिक्शन कहां से बन गई। मोहाली के मटौर थाने में एफआईआर दर्ज करने का मतलब क्या है? यह एफआईआर गलत दर्ज हुई है। ये सारा पॉलिटिकल प्रेशर है।
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वहीं, कोर्ट में SIT के सदस्य ने भी सैनी केस में अपना बयान पढ़कर सुनाया। शिकायतकर्ता के वकील प्रदीप विर्क ने अदालत को बताया कि सैनी द्वारा अदालत से पहले दी जमानत की हिदायत पर उल्टा गवाहों को धमकाया गया था और एक थानेदार अनूप सिंह तो डर के कारण वादा माफ गवाह बनने से मुकर भी गया, लेकिन अब उनके खिलाफ 302 भी दर्ज हो चुकी है और मुख्य गवाहों की स्टेटमेंट भी अदालत के पास है।







