पिम्स के चमड़ी विभाग में मेडिकल कैंप का आयोजन, डाक्टरों ने स्किन प्राब्लम से निपटने को लेकर बताए टिप्स

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर
पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसिज (पिम्स) की ओर से चमड़ी विभाग में मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। कैंप का उद्घाटन पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह, डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. राजीव अरोड़ा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. जी.एस जोनेजा ने किया। इस मौके पर चमड़ी विभाग के डा. आर.एस बस्सन और डा. तरुणवीर सिंह ने फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया।

इस अवसर पर जरूरतमंद मरीजों को दवाइयां भी मुफ्त दी गई। इसके अलावा मरीजों की चमड़ी औऱ बालों की सेंस्टीविटी का मुफ्त चैक भी किया गया। इस टेस्ट में बालों के झड़ने का कारण और चमड़ी की सेंस्टीविटी औऱ रूखापनका टैस्ट भी किया गया केंप में लगभग 147 मरीजों को चैक किया गया।

अपनी चमड़ी का ध्यान रखना चाहिए

इस अवसर पर चमड़ी विभाग के डा. आर.एल बस्सन औऱ डा. तरुणवीर सिंह ने बताया कि मौसम के बदलाव के कारण हमें अपनी चमड़ी का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि त्वचा की देखभाल हमारी शरीर की रूटीनका हिस्सा है। स्किन की देखभाल की बात आने पर सबसे पहले हमें इस बारे में जानना होगा किऐसे कौन से रोग हैं, जो कि हमारे स्किन को प्रभावित कर सकते हैं।

स्किन की देखभाल की बात आने पर सबसे पहले हमें इस बारे में जानना होगा किऐसे कौन से रोग हैं, जो कि हमारे स्किन को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा एक आम बिमारी है फंगल इंफेक्शन। इसके अलावा बच्चों और बड़ों के सिर में रूसी होना आम बात है। मगर सही देखभाल औऱ डाक्टरी सलाह से इसे ठीक किया जा सकता है।

कम कीमत पर अच्छी सुविधाएं

उन्होंने बताया कि हमें नियमित चैक करवाते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी उम्र और वातावरण हमारी चमड़ी को प्रभावित करकी है इसलिए हमें हरी सब्जियों औऱ पानी का अधिक प्रयोग करना चाहिए। पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह औऱ डायेरक्टर प्रिसीपल डा. राजीव अरोड़ा ने कहा कि मेडिकल कैंप लगाने का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक वर्ग के लोगों को कम कीमत पर अच्छी सुविधाएं प्रदान करना है।

उन्होंने कहा कि पिम्स की ओऱ से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए मेडिकल केंपों का आय़ोजन जारी रहेगा। लोग इन कैंपों में आकर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि पिम्स में पील्स, डर्मारोलर, छाइयों, मुहासों आरएफसी कासमेटिक प्रक्रिया के द्वारा किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि पिम्स के चमड़ी विभाग में शीघ्र ही लेजर तकनीक से प्रोसीजर शुरू हो रहे हैं।

मेरे लिए जिन्होंने गढ्ढे खोदे, वे खुद 10 फुट गहरे गढ्ढे में गिर गए

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