Punjab News: जालंधर के सबसे बड़े घोटाले का दलाल वरिंदर उर्फ दीपू गिरफ्तार, दलालों का मास्टर माइंड शेरू और नेताओं का चहेता दलाल संजय मेहता अभी भी फरार

Daily Samvad
6 Min Read

डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो (Punjab Vigilance Bureau) ने वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट घोटाले (Vehicle Fitness Certificates Scam) में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (MVI), जालंधर नरेश कलेर के साथ सांठगांठ करने वाले एक और फरार आरोपी एजेंट वरिंदर सिंह दीपू, निवासी बस्ती गुजां, जालंधर को गिरफ्तार किया है।

विजीलैंस ब्यूरो ने उसका मोबाइल फोन और सिम कार्ड जब्त कर लिया है, जिसे इस घोटाले के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए डेटा विशेषज्ञों को भेजा जाएगा।विजिलेंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह खुलासा करते हुए बताया कि विजीलैंस ब्यूरो ने एमवीआई, जालंधर के कार्यालय का औचक निरीक्षण किया और निजी एजेंटों के साथ मिलीभगत कर बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक और निजी वाहनों का निरीक्षण किए बिना फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए एक संगठित भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया।

ये भी पढ़ें: AAP के विधायक को लोगों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, देखें VIDEO

अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने आगे कहा कि विजीलैंस ब्यूरो ने पर्याप्त सबूतों के आधार पर मामला संख्या 14 दिनांक 23-08-2022 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7ए और आईपीसी की 420, 120-बी के तहत विजीलैंस ब्यूरो पुलिस स्टेशन जालंधर में दर्ज किया।

इस मामले में अब तक कुल 9 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें नरेश कलेर, रामपाल उर्फ राधे, मोहन लाल उर्फ कालू, परमजीत सिंह बेदी, सुरजीत सिंह, हरविंदर सिंह, पंकज ढींगरा उर्फ भोलू, ब्रिजपाल सिंह उर्फ रिक्की और अरविंद कुमार उर्फ बिंदू (सभी निजी एजेंट) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की आगे की जांच चल रही है और बाकी फरार आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

आपको बता दें कि विजीलैंस ब्यूरो ने बीते 23 अगस्त को एमवीआई नरेश कलेर के दफ्तर में छापामारी करके एजेंट को पकड़ा था जिसके घर से रिश्वत का 12.50 लाख रुपया बरामद हुआ था। वाहनों को पास करवाने के लिए लेनदेन के सारा काम MVI के एजेंट करते थे। एजेंट के पकड़े जाने के बाद विजिलैंस ने MVI नरेश कलेर को उसके टांडा (होशियारपुर) में घर से गिरफ्तार किया था।

 

संजय मेहता फरार, संगम कार में एजैंटी जारी

जालंधर के हाईप्रोफाइल केस में सबसे पहला नाम संगम कार बाजार के मालिक संजय मेहता का है। विजीलैंस ने एफआईआऱ दर्ज करते लिखा कि संजय मेहता अफसरों के पैसे गाड़ियों के खरीद फऱोख्त में निवेश करता था। संजय मेहता आरसी घोटाले मामले में प्रमुख आरोपी है। विजीलैंस के मुताबिक संजय मेहता नरेश कलेर की मदद से आरसी बनाता था। बताया जा रहा है कि संजय मेहता की कई बड़े अधिकारियों से मिलीभगत थी, जिनके जरिए वह सरकार को चूना लगा कर करोड़ों रुपये कमा रहा था।

हैरानी की बात तो यह है कि संजय मेहता के संगम कार बाजार में पहले जैसा कामकाज हो रहा है। उसे न तो कोई रोकने वाला है और नही विजीलैंस और पुलिस कोई कार्रवाई कर रही है। हैरानी की बात तो यह कि विजीलैंस दो महीने बाद भी संजय मेहता को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जबकि संजय मेहता की बीएमसी चौक के पास संगम कार बाजार में पहले जैसा कामकाज हो रहा है। इससे विजीलैंस की कार्यप्रणाली शक के दायरे में है।

लवी को गिरफ्तार नहीं कर रही है पुलिस

नरेश कलेर के साथ मिलकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले दूसरे आरोपी हैं लवी। लवी पुत्र अमरीक सिंह। अमरीक सिंह के निधन के बाद लवी ने विजीलैंस दफ्तर के ठीक सामने पुडा मार्केट में ट्रिब्यून अखबार के दफ्तर के सामने एजैंटी का दफ्तर खोला। इस दफ्तर में बैठ कर नौनी और जौनी पूरा खेल करते रहे।

एफआईआर दर्ज करने के बाद विजीलैंस ने अभी तक लवी को गिरफ्तार नहीं कर सकी। जबकि लवी का दफ्तर विजीलैंस आफिस के ठीक सामने पुडा ग्राउंड में रोज खुला होता है। यहां आज भी एजैंट के जरिए लोगों के काम हो रहे हैं। यही नहीं, लवी के दोनों एजैंट आज भी आरटीए दफ्तर में फाइल लेकर काम करवाते हैं। इसका सीधा प्रमाण दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरे हैं।

शेरू का दफ्तर रोज खुलता है, विजीलैंस पकड़ती ही नहीं

करोड़ों रुपए के पासिंग के खेल में सबसे बड़े एजैंट हैं सुखमिंदर सिंह शेरू। शेरू के भाई दीपू को विजीलैंस ने तो आज गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मास्टर माइंड शेरू अभी भी फरार है। नरेश कलेर के लिए सीधे तौर पर शेरू और दीपू काम करते थे। विजीलैंस ने शेरू के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज तो कर लिया है, लेकिन अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

ये भी पढ़ें: पंजाब के Ex CM का करीबी नेता निकला डकैत, बड़ा खुलासा

हैरानी की बात तो यह है कि शेरू के मिनी RTA दफ्तर आज भी पूरे शानोशौकत से खुलता है। सिविल अस्पताल के आगे नाज कांप्लैक्स के साथ लगती गली में पूरा आरटीए दफ्तर यहीं से चल रहा है, लेकिन विजीलैंस को शेरू नहीं मिल रहा है। शेरू के एजैंट रोजाना आऱटीए दफ्तर जाकर काम करवाते हैं, जिसका गवाह सीसीटीवी कैमरे हैं। लेकिन विजीलैंस के अधिकारियों की आंखों पर पट्टी बंध गई है।

गुजरात में पहली चुनावी अग्निपरीक्षा… जानिए 89 सीटों का पूरा लेखा-जोखा

https://youtu.be/RxMXjD3bmL4















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *