Knowledge in Hindi – ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर हरे रंग के कपड़े क्यों पहनते हैं?

Daily Samvad
4 Min Read

Knowledge in Hindi – हम सभी कम से कम एक बार किसी न किसी कारण से अस्पताल जरूर गए होंगे। आपने अक्सर देखा होगा कि सर्जरी से ठीक पहले कोई भी डॉक्टर हरे रंग का कपड़ा पहने नजर आता है। कई बार सर्जन नीले रंग का कपड़ा भी पहन लेते हैं, लेकिन आपने शायद ही किसी डॉक्टर को लाल-पीले रंग के कपड़े में सर्जरी करते देखा होगा। कभी न कभी आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि ऐसा क्यों होता है? दरअसल इसके पीछे विज्ञान है। आइए जानते हैं क्या है…

आपने देखा होगा कि जब भी आप रोशनी वाली जगह से आते हैं और घर में प्रवेश करते हैं तो आपकी आंखों के सामने अंधेरा होता है। ऐसे में अगर आप हरे या नीले रंग के संपर्क में आते हैं तो आपको राहत मिलती है। ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टरों के साथ भी ऐसा ही होता है।

मेगा वेबसाइट Quora पर कई लोगों ने ऐसे सवाल पूछे हैं, जिनका जवाब विकास मिश्रा नाम के शख्स ने दिया. विकास ने सेंट फ्रांसिस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उन्होंने बताया कि हरा और नीला रंग प्रकाश के स्पेक्ट्रम पर लाल रंग के विपरीत होता है और ऑपरेशन के दौरान सर्जन का ध्यान ज्यादातर लाल रंग पर ही केंद्रित होता है. कपड़े का हरा और नीला रंग न केवल एक सर्जन की देखने की क्षमता को बढ़ाता है बल्कि उसे लाल रंग के प्रति अधिक संवेदनशील भी बनाता है।

प्रथम सर्जन सुश्रुत ने भी धारण किया था

हाल ही में टुडेज सर्जिकल नर्स के 1998 के अंक में एक रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई थी। इसके अनुसार सर्जरी के दौरान हरा कपड़ा आंखों को आराम देता है। बीएलके सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल दिल्ली में कार्यरत ओंको सर्जन डॉ. दीपक नैन के अनुसार दुनिया के पहले सर्जन माने जाने वाले सुश्रुत ने आयुर्वेद में सर्जरी के दौरान हरे रंग के इस्तेमाल के बारे में लिखा था. है। लेकिन इसका कोई खास कारण नहीं है। कई जगहों पर सर्जन सर्जरी के दौरान नीले और सफेद रंग के कपड़े भी पहनते हैं। लेकिन हरा रंग इसलिए बेहतर होता है क्योंकि इस पर खून के धब्बे भूरे रंग के दिखाई देते हैं।

पहले सफेद रंग के कपड़े पहनने की परंपरा थी

ऐसा नहीं है कि डॉक्टरों के नीले या हरे रंग के कपड़े पहनने की परंपरा शुरू से है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले डॉक्टर और अस्पताल का सारा स्टाफ सफेद कपड़े पहनता था. लेकिन साल 1914 में एक डॉक्टर ने इसे बदलकर हरा कर दिया। तब से यह ड्रेस कोड एक चलन बन गया है। आजकल कुछ डॉक्टर नीले रंग के कपड़े भी पहनते हैं।

भारत के इस गांव में रहते हैं एक जैसे दिखने (हमशक्ल ) वाले लोग #amazingfacts #ajabgajab #hindinews

एक ऐसा देश जहां सिर्फ 40 मिनटों के लिए डूबता हैं सूरज #knowledgeinhindi #ajabgajab #hindinews

एक ऐसा इंसान जो कभी नहीं सोता, दुनिया हैरान #hindinews #latesthindinews #todayhindinews #viralvideo




728

728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *