डेली संवाद, चंडीगढ़। Buddha Purnima: वैशाख पूर्णिमा को विशेष तौर पर बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) के रूप में मनाया जाता है। बौद्ध धर्म में इसका विशेष महत्व है। दरअसल माना जाता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था।
इसके अलावा सात वर्षों की कठिन तपस्या के बाद इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) को बिहार के बोधगया के बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और मान्यताओं के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के ही दिन उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बुद्ध का महानिर्वाण भी हुआ था।
ये भी पढ़ें: पंजाब में GST चोरी क्यों करते हैं कारोबारी
बुद्ध पूर्णिमा 2023 का शुभ मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 4 मई, दिन गुरुवार को रात 11 बजकर 44 मिनट से हो रहा है।
बुद्ध पूर्णिमा समापन 5 मई, दिन शुक्रवार को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा।
ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल 5 मई 2023 को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत रखा जाएगा।
बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
इसके बाद साफ कपड़े पहनकर भगवान विष्णु का जल चढ़ाएं।
इसके बाद घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और आरती करें।
अगर प्रसाद में तुसली का इस्तेमाल करते हैं तो बेहतर होगा।
इस दिन सात्विक खाना ही खाएं।
ये भी पढ़ें: कौन हैं बृजभूषण सिंह? BJP के लिए जरूरी या फिर मजबूरी?
बुद्ध पूर्णिमा 2023 शुभ संयोग
पहला संयोग इस दिन बन रहा है साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा की रात 8:45 बजे से लगने वाला चंद्र ग्रहण रात के 1:00 बजे तक रहेगा। इस दिन सूर्योदय के बाद सिद्धि योग बन रहा है जो बहुत ही अच्छा कहा जाता है। इतना ही नहीं इस दिन स्वाति नक्षत्र भी रहेगा, जो लाभकारी और पुण्यदायी बताया गया है।
कौन हैं बृजभूषण सिंह? BJP के लिए जरूरी या मजबूरी?






