डेली संवाद, चंडीगढ़। Sweating Problem: कुछ लोगों के हाथ हमेशा पसीने से तर रहते हैं। जब आप उसका हाथ छूएंगे तो देखेंगे कि वह पसीने के कारण काफी ठंडा है। क्या आपके साथ या आसपास ऐसे लोग हैं? बता दे कि हाथों में अत्यधिक पसीना आना अपने आप में एक बीमारी है।
इस बीमारी को हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है। दरअसल, यह बीमारी शारीरिक कमियों के कारण होती है। और यह शरीर की कार्यप्रणाली में कुछ गड़बड़ी के कारण भी होता है। हाथों में अत्यधिक पसीना आने का मुख्य कारण अतिसक्रिय नसें हैं।
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अब सवाल यह उठता है कि नसें अति सक्रिय कैसे हो जाती हैं? दरअसल, यह विटामिन डी और विटामिन बी12 की कमी के कारण हो सकता है। जिससे पसीने की ग्रंथियां काफी सक्रिय हो जाती हैं। और हाथों में पसीना आने लगता है। यह रोग विटामिन और तंत्रिका तंत्र की कमी के कारण हो सकता है।
अगर आपको सामान्य या कम तापमान में अत्यधिक पसीना आता है तो इसका सीधा संबंध हाइपरहाइड्रोसिस से है। इस रोग से पीड़ित लोगों की पसीने की ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं। जिसके कारण बहुत अधिक पसीना आने लगता है। रोगी को हाथ, पैर और बगल में बहुत अधिक पसीना आने लगता है।
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हाइपरहाइड्रोसिस रोग दो प्रकार का होता है। प्राथमिक और माध्यमिक, प्राथमिक हाइपरहाइड्रोसिस में पसीने के कई गंभीर कारण हो सकते हैं। सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित मरीज कई अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं। किडनी हाइपरहाइड्रोसिस उच्च रक्त शर्करा, निम्न रक्त शर्करा, हाइपरथायरायडिज्म जैसी कई अन्य बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
जब किसी व्यक्ति की पसीने की ग्रंथियां अति सक्रिय हो जाती हैं, तो वे हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित हो जाते हैं। यह किसी व्यक्ति को भारी धूम्रपान, तनाव, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के कारण हो सकता है। इसके अलावा मधुमेह, रजोनिवृत्ति, थायराइड, कैंसर और मोटापे जैसी अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को भी अधिक पसीना आने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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