डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: ज़िला सामाजिक सुरक्षा और स्त्री एंव बाल विकास विभाग ने गुरूवार को ज़िला स्तरीय स्पांसरशिप दिवस संबंधी करवाए गए प्रोग्राम में डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने बेसहारा और ज़रूरतमन्द बच्चों को मिशन वातसल्या स्कीम के अंतर्गत स्पांसरशिप के चैक बाँटे गए।
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इस योजना के अंतर्गत 48 लाभपात्रियों को प्रति महीना 4000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिसके लिए कुल 23 लाख 4 हज़ार रुपए की राशि जारी की गई।
इस संबंधी यहाँ ज़िला प्रशासकीय कंपलैक्स में करवाए गए एक सादा समागम दौरान डिप्टी कमिश्नर ने बच्चों को संबोधित करते उनको ज़िंदगी में सफलता हासिल करने के लिए सख़्त मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कहा कि सख़्त मेहनत के साथ ज़िंदगी में कोई भी स्थान प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होंने विद्यार्थी जीवन में शिक्षा की महत्ता के बारे में बच्चों को पढ़- लिख कर आत्म-निर्भर बनने और दूसरों की मदद करने के लिए भी प्रेरित किया। डा. अग्रवाल ने बताया कि मिशन वातसल्या योजना का उद्देश्य अपने माता- पिता या गार्डियन खो चुके बच्चों को सहायता एंव सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके कल्याण और शिक्षा को यकीनी बनाना है।
18 साल तक के बच्चे लाभ प्राप्त कर सकते
उन्होंने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत 0 से 18 साल तक के ऐसे बच्चे, जिनके माता- पिता की मौत हो गई हो या माता- पिता जानलेवा बीमारी का शिकार हों या वित्तीय एंव शारीरिक तौर पर बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ हो या माता विधवा/ तलाकशुदा हो या बच्चे को परिवार ने बेसहारा छोड़ दिया हो या वह किसी रिश्तेदार के पास रहता हो, लाभ प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने आगे बताया कि जस्टिस जुवेनाईल एक्ट 2015 अनुसार बेघर, प्राकृतिक आपदा के शिकार, बाल मज़दूरी, बाल विवाह के शिकार, तस्करी के साथ प्रभावित, दिव्यांग बच्चे या ऐसे बच्चे जो सड़क पर रहते हो, दुरव्यवहार या शोषण का शिकार, एच.आई.वी. / एडज़ के साथ प्रभावित या पी.एम. केयरज़ स्कीम के अंतर्गत कवर बच्चे इस स्कीम अधीन वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते है।

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