Effects Of Mobile Phone: अगर आपका बच्चा भी है फोन का शौकीन तो हो जाएं सावधान, आंखों ही नहीं दिल की बीमारी का भी है खतरा

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Effects Of Mobile Phone: आजकल आधुनिक जीवनशैली का खामियाजा बच्चे भुगत रहे हैं। सालभर के बच्चे भी फोन, टैब और टीवी के बिना खाना नहीं खाते। ऐसे में आजकल बच्चों के बीच फोन का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। बच्चे किसी न किसी वजह से फोन का खूब इस्तेमाल करने लगे हैं।

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फोन और टैब बच्चों की कमजोरी बनते जा रहे हैं। हालिया शोध के अनुसार, अत्यधिक स्क्रीन समय बच्चों के न्यूरोलॉजिकल विकास और सामाजिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे बच्चों में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का भी खतरा रहता है।

बच्चों को स्ट्रोक का खतरा बना रहता

यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्टर्न फिनलैंड और यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस 2023 द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, जो बच्चे अधिक फोन का इस्तेमाल करते हैं, उनमें कम उम्र में ही हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फोन चक्र के दौरान वे शारीरिक रूप से उतने सक्रिय नहीं होते जितना उन्हें होना चाहिए। जो बच्चे कम सक्रिय होते हैं उनमें हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है। वजन और बीपी नियंत्रण में रहने पर भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता रहता है। यह शोध 1990 और 1991 में जन्मे 14,500 बच्चों पर किया गया है।

बहुत अधिक स्क्रीन समय के कारण हृदय रोग

शोध में पाया गया है कि जो बच्चे अपने फोन और टैब पर अधिक समय बिताते हैं उनमें शारीरिक गतिविधि कम होती है। फ़ोन पर बहुत अधिक समय बिताने से वे गंभीर इकोकार्डियोग्राफी रोग से पीड़ित हो सकते हैं। जो बच्चे शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं, उनमें बहुत कम उम्र में मोटापे और टाइप-2 मधुमेह से पीड़ित होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे बच्चों में न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

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बच्चों का स्क्रीन टाइम कैसे कम करें?

1. आजकल माता-पिता दोनों काम में व्यस्त रहते हैं। इसलिए वे अपने बच्चों को ज्यादा समय नहीं देते हैं। माता-पिता को अपने बच्चों को अधिक से अधिक समय देना चाहिए। उनके साथ बातचीत और खेलना चाहिए।

2. बच्चों को घर से बाहर पार्क या खेल खेलने ले जाएं।

3. बच्चों को घर पर रचनात्मक शिल्प, ड्राइंग या अन्य गतिविधियों में संलग्न करें।

4. छुट्टियों के दिन बच्चों को अपनी चीजें जैसे बैग, जूते और अन्य चीजें खुद साफ करना सिखाएं।

5. बच्चों को उनकी पसंदीदा गतिविधियाँ जैसे नृत्य, गायन, स्केटिंग या जूडो कराटे सिखाएँ।

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