डेली संवाद, जालंधर। PIMS News: पिम्स के मेडिसन विभाग के प्रो. एंड हैड डॉ. एन.एस नेकी की ओर से विभाग में मरीज और उनके साथ आए लोगों को जागरुक किया। इस अवसर पर पिम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. कंवलजीत सिंह, रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह, डायरेक्टर प्रिंसीपल डॉ. राजीव अरोड़ा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. पुनीत खुराना विशेष रूप से उपस्थित हुए।
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इस अवसर पर कार्यकारी डायरेक्टर डॉ. कंवलजीत सिंह ने कहा कि हेल्दी लाइफस्टाइट से स्ट्रोक को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कम तला हुआ भोजन करें, अल्कोहल से परहेज करें और तंबाकू आदि चीजों से परहेज करे औऱ अपने लिए दिन में कम से कम आधा घंटा जरूर निकालें। उन्होंने आगे बताया कि पिम्स में रियायती दरों पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
इसका लोगों को अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए। रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह ने कहा कि इस साल का थीम है टुगेदर वी आर ग्रेट देन स्ट्रोक है। यह थीम स्ट्रोक रोकने पर जोर देती है। उन्होंने बताया कि अगर ब्रेन में कोई क्लोट जम जाए या खून लीक हो जाए तो उसे स्ट्रोक का अधिक खतरा रहता है। इसे रोकने के लिए लोगों को ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है।
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उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के दौरान मरीज के लिए एक घंटा बहुत जरूरी होता है। इस दौरान मरीज को अपने नजदीक के अस्पताल से संपर्क करना चाहिए। पिम्स के डायरेक्टर प्रिंसीपल डॉ. राजीव अरोड़ा ने कहा कि स्ट्रोक को पहचानना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। आज के समय में स्ट्रोक दुनियाभर में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है।
कम आयु में ही ब्लड प्रेशर औऱ कोलेस्ट्राल जैसी बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं के चलते युवाओं में स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिम्स में माहिर डॉक्टरों की टीम है। अगर किसी को किसी प्रकार की कोई समस्या हो तो वो पिम्स में अपना इलाज करवा सकते हैं।






