Shani Dev Aarti and Mantra: शनि देव की करना है प्रसन्न तो करें इन मंत्रों का जाप

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर। Shani Dev Aarti and Mantra: आज शनिवार है, शनिवार का दिन भगवान शनि जी का होता है। सनातन धर्म में शनि देव को न्याय का देवता माना गया है। शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। इसलिए शनिवार के दिन भगवान शनि देव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है।

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धार्मिक मत है कि इस दिन शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति की मनचाही मनोकामना पूरी होती है और इंसान को जीवन के संकट से छुटकारा मिलता है। मान्यता है कि शनि देव की पूजा के दौरान आरती और मंत्रों का जाप करने का विशेष महत्व है।

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इससे पूजा का शुभ फल प्राप्त होता है और शनि दोष दूर होता है। इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है, तो चलिए पढ़ते हैं भगवान शनि देव की आरती और मंत्र, जिससे भगवान शनि देव प्रसन्न होंगे।

शनि देव की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।

सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

जय जय श्री शनि देव….

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।

नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

जय जय श्री शनि देव….

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।

मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥

जय जय श्री शनि देव….

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।

लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥

जय जय श्री शनि देव….

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।

विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥

जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

शनि देव के मंत्र

  1. ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।

ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।

ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।

  1. ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।

3.अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।

दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।

गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।

आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।

  1. ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।

छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

5.ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।

कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।

शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।

दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।




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