डेली संवाद, चंडीगढ़। GST Bogus Billing: पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री, एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने सोमवार को घोषणा की कि राज्य के कराधान विभाग के जांच विंगों ने 1549 करोड़ रुपए के बोगस बिलिंग (Bogus Billing) या कागजी लेनदेन का पता लगाया है और चालू वित्त वर्ष में 108.79 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दावों को सफलतापूर्वक ब्लॉक कर दिया है। इसमें लुधियाना (Ludhiana) और मंडी गोबिंदगढ़ (Mandi Gobindgarh) की करीब 172 फर्में शामिल हैं। इनके तार जालंधर (Jalandhar) के कारोबारियों से भी जुड़े हैं।
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पंजाब भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्य के कराधान विभाग द्वारा की गई प्रवर्तन कार्रवाइयों का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि विभाग ने लुधियाना में सोने के लेनदेन में 900 करोड़ रुपए के नकली चालानों का भंडाफोड़ करके 21 करोड़ रुपए का आईटीसी ब्लॉक कर दिया है। इसके अतिरिक्त, मोहाली, खरड़ और कोट कपूरा में कोयला लेनदेन में 226 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी वाले चालानों का पता चलने के बाद 12 करोड़ रुपए का आईटीसी ब्लॉक कर दिया गया।
मंडी गोबिंदगढ़ में कुल 423 करोड़ रुपए के बोगस लेनदेन का पर्दाफाश
इसी तरह प्रवर्तन कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ में कुल 423 करोड़ रुपए के बोगस लेनदेन का पर्दाफाश करके 75.79 करोड़ रुपए का आईटीसी ब्लॉक किया गया। एक अन्य बड़ी जब्ती में, अधिकारियों ने रांची से लुधियाना जा रहे एक वाहन को रोका, जिसमें बिना चालान के 2 किलो सोना था, और इस मामले की जांच वर्तमान में जारी है।
इन प्रवर्तन कार्रवाइयों के महत्व पर जोर देते हुए, वित्त मंत्री ने 19 मई को किए गए ऐतिहासिक राज्यव्यापी अभियान पर प्रकाश डाला। इस अभियान के तहत, 195 जीएसटी-पंजीकृत फर्मों, जिनमें 156 केंद्र-पंजीकृत फर्म और 39 राज्य-पंजीकृत फर्म शामिल हैं, का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें 423 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी वाले कागजी लेनदेन का पता चला और 75.79 करोड़ रुपए का आईटीसी ब्लॉक किया गया।
लुधियाना की 100 और मंडी गोबिंदगढ़ की 72 फर्म शामिल
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि अधिकांश संलिप्त फर्म लुधियाना (100 फर्म) और मंडी गोबिंदगढ़ (72 फर्म) में स्थित थीं। जीएसटी व्यवस्था के तहत पंजाब की महत्वपूर्ण प्रवर्तन कार्रवाइयों पर प्रकाश डालते हुए, वित्त मंत्री ने बताया कि विभाग ने उल्लेखनीय गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें एक हाई-प्रोफाइल मामला भी शामिल है, जहां एक व्यक्ति को 29.50 करोड़ रुपए के नकली चालान और धोखाधड़ी वाले आईटीसी दावों के रैकेट का मास्टरमाइंड होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उक्त फर्म ने वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 में 60 से अधिक बोगस और रद्द फर्मों से 163 करोड़ रुपए की आवक आपूर्ति की थी।
वित्त मंत्री चीमा ने इन प्रवर्तन अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए विभाग को आईआईटी हैदराबाद के साथ हुए समझौते के तहत विकसित किए गए 15 मॉड्यूल और ‘बिल लाओ इनाम पाओ’ योजना से मिले महत्वपूर्ण इनपुट का श्रेय दिया। उन्होंने घोषणा की कि ऐसे सात और मॉड्यूल जल्द ही सक्रिय किए जाएंगे। अब तक, 4880 उपभोक्ताओं ने ‘मेरा बिल’ ऐप पर अपने खरीद बिल अपलोड करके सामूहिक रूप से 2,89,15,295 रुपए जीते हैं। इस बीच, जीएसटी अधिनियमों के तहत जमा किए गए बिलों में पाई गई विसंगतियों के कारण कुल 9,07,06,102 रुपए का जुर्माना लगाया गया है और 7,20,92,230 रुपए की सफलतापूर्वक वसूली की गई है।
चोरों के खिलाफ सख्त जांच लागू की
जीएसटी संग्रह में साल-दर-साल वृद्धि का उल्लेख करते हुए, वित्त मंत्री ने आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया, जिसने तीन वर्षों में 62,733 करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। उन्होंने इसकी तुलना कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा पांच वर्षों में एकत्र किए गए 63,042 करोड़ रुपए से करते हुए कहा कि ये आंकड़े स्वयं बोलते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जहां आप सरकार ने व्यापार वृद्धि को बढ़ावा दिया है और कर चोरों के खिलाफ सख्त जांच लागू की है, वहीं पिछली सरकारों ने केवल अपने लिए धन जमा करने पर ध्यान केंद्रित किया था।
विपक्षी दलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए, वित्त मंत्री चीमा ने सरकार की प्रवर्तन गतिविधियों के खिलाफ कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल के निराधार दावों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इन दलों ने अतीत में ईमानदार करदाताओं की गाढ़ी कमाई को हड़पने के लिए कर चोरों के साथ मिलीभगत की थी। उन्होंने कहा कि अब जब सरकार ने कर चोरी पर शिकंजा कसा है, तो ये दल बेताब होकर अपने सहयोगियों को जांच से बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
172 फर्मों के तार जालंधर से भी जुड़े, जांच हो तो कई चेहरे होंगे बेनकाब
उधर, टैक्स चोरी में लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ के तार जालंधर से भी जुड़े हैं। चूंकि जालंधर में स्क्रैप का बहुत बड़ा कारोबार है। जिसकी अधिकांश बोगस बिल लुधियाना में होती है। जालंधर में इंडस्ट्रियल एरिया का एक बड़ा ट्रांसपोर्टर इन लोगों से मिला हुआ है। इस पर जीएसटी के ही कुछ अफसरों का हाथ है। जिससे इस ट्रांसपोर्ट और कुछ कारोबारियों का करोड़ों रुपए का सामान या तो बोगस बिलिंग के जरिए भेजा जाता है, या फिर इनके बिल ही नहीं काटे जाते।
आपको बता दें कि कुछ साल पहले उक्त ट्रांसपोर्टर के संस्थानों पर जीएसटी का छापा पड़ा था, तब कई अनियमितताएं सामने आई थी। इसके बाद इस केस को दबा दिया गया। अब जालंधर के कुछ बड़े कारोबारी इस खेल में फिर से सक्रिय हो गए हैं, क्योंकि इसमें सीधे तौर पर बिना कुछ इनवेस्ट किए करोड़ों रुपए की कमाई बताई जाती है। फिलहाल जालंधर में अफसर कार्रवाई के मूड़ में नहीं दिख रहे हैं।