डेली संवाद, जालंधर/लुधियाना। Ludhiana by Election Congress MLA Pargat Singh Resign – लुधियाना उप चुनाव (Ludhiana by Election) में करारी हार के बाद कांग्रेस (Congress) में भूचाल आ गया है। चुनाव हारने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी भारत भूषण आशू (Bharat Bhushan Ashu) के इस्तीफे के बाद अब जालंधर कैंट (Jalandhar Cantt) के विधायक परगट सिंह (Pargat Singh) ने भी इस्तीफा दे दिया है। इससे कांग्रेस में कोहराम मच गया है।
परगट सिंह ने इस्तीफा दिया
जानकारी के मुताबिक पंजाब के जालंधर (Jalandhar) कैंट के विधायक और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी परगट सिंह (MLA Pargat Singh Resign) ने कांग्रेस के राज्य इकाई के उपाध्यक्ष पद (मीत प्रधान) से इस्तीफा दे दिया है। लुधियाना उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने यह कदम उठाया।
परगट सिंह के साथ कांग्रेस के पूर्व विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों उर्फ किक्की ढिल्लों ने भी उप प्रधान पद से इस्तीफा दिया है। दोनों नेताओं ने अपना इस्तीफा कांग्रेस आलाकमान को भेजा है। जानकारी के मुताबिक, किक्की ढिल्लों इस समय ऑस्ट्रेलिया में हैं, जबकि परगट सिंह जालंधर में ही हैं।
परगट ने दिल्ली भेजा इस्तीफा
परगट सिंह ने मंगलवार रात कांग्रेस के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और पंजाब के प्रभारी महासचिव भूपेश बघेल को दोनों नेताओं ने अपना इस्तीफा भेजा। 2022 के बाद यह पहला मौका है जब पार्टी के नेता खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं।
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सूत्रों के अनुसार, विधायक परगट सिंह और पूर्व विधायक किक्की ढिल्लों ने ये इस्तीफा लुधियाना चुनाव में मिली हार को देखते हुए लिया है। दोनों आशु के हक में ये फैसला लिया है। बता दें कि उप चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस के उम्मीदवार रहे भारत भूषण आशु ने पंजाब कांग्रेस के प्रधान राजा वडिंग के साथ दबी आवाज में नाराजगी जाहिर की गई थी।
आशू के पक्ष में इस्तीफा दिया
आपको बता दें कि इससे पहले चुनाव हारने के तुरंत बाद भारत भूषण आशु ने भी अपने ओहदे से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद आशु ने सिमरजीत सिंह बैंस और पंजाब प्रधान राजा वडिंग पर टिप्पणी की थी। साथ ही कहा कि लुधियाना चुनाव की हार की जिम्मेदारी मैं लेता हूं।
AAP की जीत पर कांग्रेस में कलह तेज
पंजाब में लुधियाना की वेस्ट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने जीत हासिल की थी। आप की जीत से कांग्रेस पार्टी दूसरे नंबर पर रही। कांग्रेस के उम्मीदवार रहे भारत भूषण आशु ने हार की जिम्मेदारी ली और अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
जिसके बाद खुलकर आशु के पक्ष में परगट सिंह और ढिल्लों नजर आए, जिन्होंने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। इससे ये स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, जल्द इस पर आलाकमान किसी वरिष्ठ नेता को भेज सकती है, जिससे उक्त कलह को शांत करवाया जा सके।
2027 चुनाव से पहले कलह
अगर ऐसा नहीं होता तो आने वाले साल 2027 के चुनाव में कांग्रेस के लिए अंदरूनी कहल बड़ी चुनौती बन सकती है। क्योंकि कांग्रेस पंजाब में काफी मजबूत स्थिति में थी, मगर पिछले चुनाव में पार्टी के अंदर की गुटबाजी ने कांग्रेस को सिर्फ 18 सीटों पर समेट पर कर रख दिया।