डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: शैक्षिक परिवर्तन की दिशा में एक अग्रणी कदम उठाते हुए, सेंट सोल्जर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने प्रसिद्ध AI शिक्षा विशेषज्ञ, मनहर अरोड़ा के नेतृत्व में एक गहन AI प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया।
महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ
यह सत्र संस्थान के AI-सक्षम परिसर बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जहाँ छात्र और शिक्षक दोनों ही समृद्ध शिक्षण अनुभवों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शक्ति का उपयोग करते हैं।

इस प्रशिक्षण में विभिन्न विषयों के 500 से अधिक संकाय सदस्यों ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को कक्षा एकीकरण के लिए डिज़ाइन किए गए AI उपकरणों के व्यावहारिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव से लैस करना था।
छात्रों की भागीदारी को बढ़ावा
AI- संचालित शिक्षा में अपने रणनीतिक नेतृत्व के लिए जाने जाने वाले अरोड़ा ने शिक्षण पद्धतियों को बेहतर बनाने, निर्देशों को वैयक्तिकृत करने और छात्रों की भागीदारी को बढ़ावा देने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका पर ज़ोर दिया।
यह भी पढ़ें: जालंधर के अरमान अस्पताल में इलाज के दौरान मृत हुई टीचर के परिजनों को इंसाफ की दरकार
प्रशिक्षण के मुख्य आकर्षण में शिक्षकों के लिए अनुकूलित AI टूल्स का परिचय, पाठ योजना, मूल्यांकन और छात्र प्रतिक्रिया के लिए AI का उपयोग करने पर प्रदर्शन, दैनिक शिक्षण प्रथाओं में एआई को एकीकृत करने की रणनीतियां और एक सहयोगी, तकनीक-संचालित शिक्षण वातावरण बनाने के लिए एक विजन शामिल था।

शिक्षा में AI अपनाने…
इस पहल का उद्देश्य अध्यक्ष अनिल चोपड़ा और उपाध्यक्ष संगीता चोपड़ा ने सेंट सोल्जर एजुकेशनल कैंपस को उच्च शिक्षा में AI अपनाने के एक मॉडल में बदलने के लिए लिया था, जहां प्रौद्योगिकी शिक्षाशास्त्र का पूरक है और शिक्षकों और शिक्षार्थियों दोनों को सशक्त बनाती है।
अरोड़ा के सत्र ने संकाय को नवाचार को अपनाने और शिक्षा के भविष्य को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। प्रशिक्षण प्रतिभागियों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया के साथ संपन्न हुआ, जिनमें से कई ने अपनी कक्षाओं में AI रणनीतियों को लागू करने की तत्परता व्यक्त की।






