अलर्ट: खांसी और बुखार में खाई जाने वाली इन 27 दवाइयों के सैंपल हो गए हैं फेल, पढ़ें दवाइयों के नाम

Daily Samvad
2 Min Read

सोलन। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने नवंबर माह का ड्रग अलर्ट जारी कर दिया है। देश के 27 दवा उद्योगों में निर्मित दवाओं को सीडीएससीओ ने जांच में सब स्टैंडर्ड पाते हुए संबधित राज्यों को इस बारे में अवगत कराया है। हिमाचल प्रदेश में बनी सात दवाओं के सैंपल को भी परीक्षण में सब स्टैंडर्ड पाया गया है।

बद्दी, नालागढ़, नाहन, सिरमौर, कांगडा के संसारपुर टैरेस क्षेत्र में स्थित कई दवा उद्योगों में निर्मित दवाओं में खामियां पाई गई हैं। राज्य दवा नियंत्रक की तरफ से सभी दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर इस संदर्भ में जवाब मांगा गया है, वहीं खराब पाए गए बैच को देशभर से वापस मंगवाने का आदेश है।

हिमाचल के बद्दी व नालागढ़ के तीन उद्योग, समर्थ लाइफ साइंस, अल्ट्राटेक फार्मास्यूटिकल और मेडिपोल फार्मास्यूटिकल उद्योग की दवाओं को खराब पाया गया है। पांवटा साहिब में एक ही दवा उद्योग में निर्मित तीन दवाओं को फेल पाया गया है। ये दवाएं जी लेबोरेटरी में निर्मित बताई गई हैं। इनके फिजिकल पैरामीटर पर सवाल उठाए गए हैं, जिसके चलते इन्हें सब स्टैंडर्ड करार दिया गया है। कुछ दवा उद्योग जिला कांगड़ा के शामिल हैं।

ये दवाइयां हुई फेल

फेल दवाओं में समर्थ लाइफसार्इंसज इंडस्ट्रियल एरिया लोदीमाजरा बद्दी की नमबकेन हैवी, रचिल फामर इंडस्ट्रियल एरिया संसारपुर टेरेस कांगड़ा की डरूपरा-500, अल्ट्राटेक फार्मास्यूटिकल टिप्परा बरोटीवाला की कोलडॉक्स फोरटी, जी लैबोरेट्रीज इंडस्ट्रियल एरिया पांवटा साहिब की एमोक्सीसिलिन ओरल सस्पेंशन, जी लेबोरेट्रीज की अमोक्सीसिलिन ओरल सस्पेंशन, मेडिपोल फार्मस्यूटिकल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भुडड की मैथाइल एरगोमेटराईन, जी लेबारेट्रीज पांवटा की एमोक्सीसिलिन ओरल सस्पेंशन दवाएं शामिल हैं।

खांसी व बुखार की हैं दवाएं

दवाएं, एंटीबायोटिक, प्रसव को बढ़ाने व रक्तस्त्राव रोकने, सर्दी, खांसी बुखार, एनेस्थेटिक आदि के उपचार में प्रयोग में लाई जाती है।

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…













728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *