Jalandhar News: जालंधर के कैम्ब्रिज स्कूल पर लगे सनसनीखेज आरोप, पढ़ें

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर में शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी एक शर्मनाक खबर सामने आ रही है। आरोप है कि कैम्ब्रिज स्कूल (Cambridge School) ने फीस के लालच में पहले से ही कुदरत की मार झेल रहे एक मासूम को भी नहीं बख्शा और उसे लालच का शिकार बनाकर इंसानियत को ही तार-तार कर दिया।

गढ़ा रोड स्थित छोटी बारादरी स्थित Cambridge School के प्रबंधन ने आटिस्म की बीमारी से पीड़ित युवक को न केवल बीते कई सालों से फीस के नाम पर ठगा बल्कि जब बात फीस लौटाने पर आई तो वसूली गई फीस भी लौटाने से इंकार कर दिया। कैम्ब्रिज स्कूल प्रबंधन की बेशर्मी की दास्तां यह भी कि मामला शिक्षा विभाग के पास भी गया था जहां स्कूल प्रबंधन को दोषी ठहराकर तत्काल स्टूडैंट के भविष्य की रक्षा यकीनी बनाने का आदेश जारी हुआ।

लीगल नोटिस जारी कर कानूनी रूख

इसके बाद भी प्रबंधन ने कान पर जूं तक नहीं रेंगी और अब शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल प्रबंधन को दोबारा चेतावनी पत्र जारी हुआ है जिसके बाद स्कूल पर शिकंजा कसने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा। उधर, दूसरी तरफ खुरला किंगरा रोड जालंधर निवासी स्पेयर पार्ट्स व्यापारी पराग उप्पल ने बताया कि उनके बेटे रितेश उप्पल जो कि आटिस्म बीमारी से ग्रस्त है, के लिए उन्होंने अब स्कूल प्रबंधन को लीगल नोटिस जारी कर कानूनी रूख अख्तियार कर लिया है।

उप्पल ने बताया कि अपने वकील के जरिए भेजे नोटिस में उन्होंने स्कूल को वसूली 9 लाख रुपए से ज्यादा की फीस तथा 4० लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है। दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधन इस मामले पर चुप्पी साधे हुआ है और अपना पक्ष देने से लगातार बचता फिर रहा है।

आटिस्म बीमारी से पीड़ित

विस्तार जानकारी देते हुए पराग उप्पल ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे रितेश उप्पल को स्कूल में शिक्षा के लिए दाखिल करवाया था। स्कूल प्रबंधन को दाखिले के समय ही सारी जानकारी दे दी गई थी कि वो आटिस्म बीमारी से पीड़ित है। उप्पल ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने उनको आश्वस्त किया था कि उनका बेटा 12वीं कक्षा तक पढ़ाई कर सकता है।

इस आधार पर उन्होंने 9वीं कक्षा तक उसकी पूरी फीस स्कूल को अदा भी की लेकिन अचानक 1०वीं कक्षा में आने पर उनको स्कूल प्रबंधन ने बेटे रितेश को 1०वीं कक्षा में प्रमोट करने से इंकार कर दिया। श्री उप्पल ने बताया कि कारण जानने पर यह भी बता चला कि स्कूल प्रबंधन ने उनके बेटे के नाम राज्य के शिक्षा विभाग के ई-पोर्टल (ई-पंजाब) पर रजिस्टर्ड ही नहीं किया था जोकि 7वीं कक्षा के दौरान ही हो जाना चाहिए था।

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प्रबंधन से संपर्क करने पर टाल-मटोल किया गया और एक दिन आया कि बेटे को स्कूल में प्रवेश से भी इंकार कर दिया गया जिससे बेटे को मानसिक तौर पर गहरा आघात पहुंचा। श्री उप्पल ने बताया कि उनकी पत्नी की ओर से जिला शिक्षा विभाग के सम्मुख शिकायत पेश की गई जिसकी जांच में गत माह स्कूल प्रबंधन को कोताही का दोषी ठहराया गया और बेटे का नाम ई-पोर्टल पर रजिस्टर्ड करने का आदेश दिया गया।

उसके बाद भी जब स्कूल प्रबंधन ने आदेश का पालन नहीं किया तो शिक्षा विभाग ने गत स्कूल प्रबंधन ने चेतावनी पत्र भी जारी किया लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसके बाद भी कोई आदेश का पालन नहीं किया है। श्री उप्पल ने कहा है कि वो अब जल्द ही स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी रूख अख्तियार करने जा रहे हैं। वहीं, इस मसले पर Cambridge School प्रबंधन ने अभी तक अपना पक्ष नहीं रखा है। Cambridge School का पक्ष आने पर उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।

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