डेली संवाद, चंडीगढ़। Eid ul-Fitr 2023: ईद उल फितर (Eid ul-Fitr) मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है, जो रमजान के महीने के पूरा होने पर मनाया जाता है। ईद उल फितर के साथ ही रोजे खत्म हो जाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है। सुबह की नमाज से इसकी शुरुआत हो जाती है।
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रमजान की शुरुआत शुक्रवार, 24 मार्च को हुई थी। इसलिए ईद उल फितर 22 अप्रैल, शनिवार यानी आज मनाई जा रही है। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, रमजान के दौरान पाक मन से रोजे रखने वालों और नमाज अदा करने वालों के अल्लाह सारे गुनाह माफ कर देता है।
ईद उल फितर का महत्व
इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी। मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ। माना जाता है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी इस जीत की खुशी में उन्होंने सबका मुंह मीठा करवाया गया था। इसी दिन को मीठी ईदी या ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है।
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इस दिन मीठे पकवान जैसे कि सेंवई, मिठाई जैसे पकवान बनते हैं। मीठी सेंवई घर आए मेहमानों को खिलाई जाती है। दोस्तों और रिश्तेदारों में ईदी बांटी जाती है लोग एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। ईद उल फितर को दान का पर्व भी कहा जाता है।
क्यों मनाई जाती है ईद
इस्लाम धर्म के अनुयायी कहते हैं कि रमजान के पाक महीने में सच्चे मन से रोजे रखने वालों पर अल्लाह मेहरबान मेहरबान रहते हैं। रोजे रखने का अवसर और शक्ति देने के लिए वे अल्लाह का शुक्रिया अदा भी करते हैं।
वे सुबह उठकर पहले एक खास नमाज अदा करते हैं और फिर दोस्तों रिश्तेदारों को ईद की बधाई देते हैं। अल्लाह की इस बख्शीश को ईद-उल-फितर के नाम से पुकारा जाता है। भारत ही नहीं पूरे विश्व में इस त्योहार को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।