India-France: भारत पेरिस में स्थित दूतावास में DRDO का तकनीकी कार्यालय स्थापित करेगा, इससे क्या होगा फायदा?

Daily Samvad
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डेली संवाद, भारत-फ्रांस। India-France: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांस का दो दिवसीय दौरा पूरा हो चुका है और अब वह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंच चुके हैं। इस बीच, भारत और फ्रांस ने एक साझा बयान जारी किया है जिसमें बताया गया है कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) पेरिस स्थित भारतीय दूतावास में एक तकनीकी कार्यालय स्थापित कर रहा है।

बयान में बताया गया है कि फ्रांस आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग और तकनीकी नींव के निर्माण में भारत के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक है। अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों का सह-विकास और सह-उत्पादन भारत और फ्रांस की संयुक्त प्रतिबद्धता है। इसके लिए दोनों देश रक्षा औद्योगिक सहयोग पर एक रोडमैप अपनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।

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इसमें आगे कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दौरे के दौरान बैस्टिल डे परेड में सम्मानित अथिति के रूप में भाग लिया और दोनों देशों ने ऑर्डर किए गए 35 राफेल विमानों की समय पर आपूर्ति का स्वागत किया। उन्होंने कहा, पांच दशक से ज्यादा समय से सैन्य उड्डयन में अपने उत्कृष्ट सहयोग के अनुरूप भारत और फ्रांस, नई दिल्ली द्वारा ऑर्डर किए 36 विमानों की समय पर आपूर्ति का स्वागत करते हैं। भविष्य में दोनों देश एक लड़ाकू विमान इंजन के संयुक्त विकास का समर्थन करके उन्नत वैमानिकी प्रौद्योगिकियों में अपने रक्षा सहयोग का विकास करेंगे। इस परियोजना पर सैफरन और डीआरडीओ के बीच इस साल के अंत से पहले रोडमैप तैयार किया जाएगा।

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साझा बयान में कहा गया है कि दोनों नेता इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) कार्यक्रम के तहत हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर के मोटरीकरण के लिए सैफरन हेलीकॉप्टर इंजन (फ्रांस) के औद्योगिक सहयोग के समर्थन में खड़े हुए। इंजन विकास के लिए भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और फ्रांस के सैफरन हेलीकॉप्टर इंजन के बीच एक शेयरधारक समझौता हुआ, ताकि आईएमआरएच कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सके।

इसके अलावा, भारत और फ्रांस ने ‘मेक इन इंडिया’ के एक मॉडल पहले स्कॉर्पीन पनडुब्बी निर्माण कार्यक्रम (पी 75 – कलवरी) की सफलता और दोनों देशों में कंपनियों के बीच नौसेना विशेषज्ञता साझा करने की सराहना की। दोनों देशों ने पी75 कार्यक्रम के तहत तीन अतिरिक्त पनडुब्बियों के निर्माण के लिए मैझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड और नौसेना समूह के बीच समझौता ज्ञापन का भी स्वागत किया।

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