डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के बाग़बानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज बताया कि राज्य द्वारा जुलाई महीने के दौरान कृषि बुनियादी ढांचा फंड (ए.आई.एफ) में शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि ए.आई.एफ स्कीम पंजाब की उद्यमी भावना को उत्साहित करने में सहायक साबित हुई है जिससे राज्य के कृषि बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण विकास हुआ है।
इस सम्बन्धी और जानकारी सांझा करते हुए कैबिनेट मंत्री स. जौड़ामाजरा ने बताया कि जुलाई महीने तक राज्य भर में इस स्कीम के तहत कुल 8411 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो खेती आधारित विभिन्न प्रोजैक्ट स्थापित करने में निवेश के लिए कृषि से सम्बन्धित लोगों और किसानों की गहरी रूचि और उत्साह को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इन प्रोजैक्टों की कुल लागत 4579 करोड़ रुपए बनती है।
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कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बाग़बानी विभाग ए.आई.एफ स्कीम के लिए राज्य की नोडल एजेंसी है, जो आवेदकों को सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करके इस प्रगति में अहम भूमिका निभा रहा है। बाग़बानी मंत्री ने बताया कि लाभार्थियोंं ने 2481 करोड़ रुपए की कर्ज़ राशि के लिए अप्लाई किया है जिसमें से अब तक 4745 पात्र प्रोजेक्टों के लिए 1395 करोड़ रुपए मंज़ूर किए जा चुके हैं और 980 करोड़ रुपए बाँटे जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि यह वित्तीय सहायता निश्चित रूप से किसानों और उद्यमियों को अपनी कृषि सम्बन्धी पहलकदमियों को और प्रभावी ढंग से लागू करने और समूची उत्पादकता को बढ़ाने के लिए और ज्यादा सहायक सिद्ध होगी। स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने दोहराया कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार पंजाब में किसानों और कृषि से जुड़े लोगों की खुशहाली और तरक्की के लिए वचनबद्ध है।
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मंत्री ने बताया कि ए.आई.एफ स्कीम के अंतर्गत पंजाब ने इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के दौरान भी बढ़िया प्रदर्शन करते हुए 117 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। पिछले वित्तीय वर्ष के 3480 आवेदनों के मुकाबले इस पहली तिमाही तक 7547 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों की निवेश राशि 4038.08 करोड़ बनती थी, जो पिछले वित्तीय वर्ष की 2876.98 करोड़ रुपये राशि के मुकाबले 40.36 प्रतिशत बढ़ोतरी है।
उन्होंने बताया कि पहली तिमाही के दौरान 3837 योग्य प्रोजेक्टों के लिए 1113.46 करोड़ की राशि 30 जून तक मंज़ूर की गई है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि स्कीम सम्बन्धी विभाग द्वारा राज्य में खासकर सरहदी ज़िलों में विशेष प्रचार मुहिम आरंभ की गई है। इस स्कीम के अंतर्गत किसान समूहों को जागरूक करके अधिक से अधिक समूहों को जोड़ा जा रहा है और साझी खेती को उत्साहित किया जा रहा है।
ए.आई.एफ स्कीम के अंतर्गत किसान स्थापित कर सकते हैं कृषि से जुड़े कई प्रोजैक्ट
बाग़बानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि लाभार्थी विभिन्न प्रोजेक्टों के लिए इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं, जिनमें स्टोरेज स्ट्रक्चर, छंटाई, ग्रेडिंग, वैक्सिंग यूनिट, प्राथमिक प्रोसेसिंग सैंटर (आटा चक्की, तेल के कोल्हू, दाल मिल), राईपनिंग चेंबर, पैकहाऊस, फ़सल अवषेश प्रबंधन यूनिट/मशीनों, सोलर पंप, बायोगैस प्लांट, स्मार्ट और प्रीसीशन एग्रीकल्चर, फार्म और कटाई आटोमेशन, इन्पुट उत्पादन (बीज/टिशू कल्चर/नर्सरी/खाद), सप्लाई चेन बुनियादी ढांचा, शहद प्रोसेसिंग, रेशम की खेती आदि शामिल हैं।
इसके इलावा कुछ प्रोजैक्ट किसान समूहों तक सीमित हैं जैसे कि पॉलीहाऊस/ग्रीनहाउस, वर्टिकल फार्मिंग, हाईड्रोपोनिक्स/ऐरोपोनिक्स, मशरूम की खेती, लौजिस्टिक सुविधाएं और ट्रैक्टर आदि। उन्होंने बताया कि लाभार्थी पात्र प्रोजैक्टों पर सोलर पैनल भी लगवा सकते हैं। इस स्कीम के अधीन कर्ज़ लेने के लिए कम से कम 10 प्रतिशत रकम लाभार्थी का योगदान लाज़िमी है। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत 2 करोड़ के कर्ज़े तक 3 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जा रही है।