डेली संवाद, जालंधर। PIMS: पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइसिज (पिम्स) में विश्व रेडिग्राफी दिवस मनाया गया। यह दिवस रेडियोलाँजी विभाग की ओर से मनाया गया। इस अवसर पर पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह, कार्यकारी निदेशक डा. कंवलजीत सिंह, डायरेक्टर प्रिंसीपल डा.राजीव अरोड़ा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. पुनीत खुराना, रेडियोलाँजी विभाग के प्रमुख डा. रमेश चंद्र, डा. सुनील सेठ, डा. युवराज औऱ डा.पंकित मुख्य रूप से शामिल हुए।
इस अवसर पर पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह ने कहा कि हर साल 8 नवंबर को विश्व रेडियोग्राफी दिवस मनाया जाता है। रेडियोग्राफी का इस्तेमाल कर डॉक्टर मरीज के अंदरूनी बिमारियों का पता लगाते हैं। इसकी मदद से एक्स-रे, एमआरआई, सीटी, आल्ट्रासाउंड आदि किए जाते हैं। इससे न केवल डाक्टरों को बिमारियों के प्रति अधिक जानकारी मिलती है बल्कि मरीज भी डिटेल जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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उन्होंने कहा कि विश्व का पहला रेडियोग्राफी दिवस वर्ष 2012 में मनाया गया था। बता दें कि 8 नवंबर 1895 को जर्मनी वारबर्ग यूनिवर्सिटी के फिजिक्स के प्रोफेसर विल्हेम कॉनरैड रॉएंटजेन ने एक्स-रे की खोज की थी। उन्होंने बताया कि पिम्स में रियायती दरों पर मरीजों का इलाज किया जाता है। पिम्स में सक्ष्म डाक्टरों की टीम है, जो हर समय मरीजो की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं।
उन्होंने कहा कि रेडिग्राफर को भी सेफ्टी से काम करना चाहिए क्योकि इसी एक्स-रे की किरणे काफी घातक होती है। इस लिए स्टाफ को पूरे नियमों के अनुसार मशीनों का प्रयोग करना चाहिए। कार्यकारी निदेशक डॉ. कंवलजीत सिंह ने इस साल का थीम है सेलिब्रेटिंग पेशंट सेफ्टी। उन्होंने बताया कि समय के साथ रेडियोग्राफी में कई बढ़े बदलाव किए गए हैं।
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इन बदलावों की वजह से वर्तमान में किसी भी बिमारी को पलक झपकते ही पहचाना जा सकता है। पूरे विश्व में इस दिन को जागरुकता अभियान की तरह मनाया जाता है। उन्होंने कहा पिम्स में जल्द ही एमआरआई की सुविधा दी जाएगी। डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. राजीव अरोड़ा ने कहा कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को रेडियोग्राफी से होने वाले लाभ के विषय में जानकारी देना है।
ताकि बिमारियों का समय रहते इलाज किया जा सके। उन्होंने कहा कि इनका इस्तेमाल करने के लिए बहुत सी सावधानियां भी बरतनी चाहिए। खासकर गर्भवती महिलाओं को इनका इस्तेमाल करने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि एक्स- रे करते समय कई तरह की रेडिशन निकलती है, जिससे बच्चे को भी जान का खतरा बना रहता है।