डेली संवाद, जालंधर। Punjab News: पंजाब के सियासी गलियारे से बड़ी खबर है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) पंजाब प्रधान जसबीर सिंह गढ़ी ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वे गत दिनों पार्टी प्रमुख मायावती से मुलाकात की थी। इसके बाद पार्टी ने बड़ा फैसला लिया है। ये फैसला पंजाब में लोकसभा चुनाव को लेकर है।
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आपको बता दें कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया था कि पूरे देश में बसपा अकेले लोकसभा चुनाव लडे़गी। इससे कयास लगाए जा रहे थे कि पंजाब में भी बसपा और शिरोमणि अकाली दल की राह अलग हो जाएगी। लेकिन अब बसपा पंजाब प्रधान जसबीर सिंह गढ़ी ने बड़ा बयान दिया।
गठबंधन को आंच नहीं आने देंगे
बसपा पंजाब प्रधान जसबीर सिंह गढ़ी ने कहा है कि पार्टी सुप्रीमो का साफ कहना है कि चुनाव में बसपा और अकाली दल का गठबंधन जारी रहेगा। दोनों दल इस गठबंधन को आंच नहीं आने देंगे। उन्होंने कहा कि जो ऐलान हुआ था, उसका मतलब था कि बसपा NDA और इंडिया गठबंधन में शामिल नहीं होगी।
सीट शेयरिंग दोनों दल मिलकर तय करेंगे
पंजाब में सीट शेयरिंग का मामला दोनों दलों की हाईकमान तय करेगी। उन्होंने कहा कि अकाली दल और बसपा दोनों कैडर पर आधारित पार्टियां हैं। आने वाले विधानसभा चुनावों में नतीजे अच्छे रहेंगे। तीन कृषि कानूनों के चलते संघर्ष के बाद भाजपा और शिअद की राह गत विधानसभा चुनाव के समय अलग हो गई थी।
दोनों दलों ने विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था
इसके बाद अकाली दल और बसपा में गठबंधन हुआ था। दोनों दलों ने विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था, जिसमें अकाली दल को तीन और बसपा को एक सीट मिली। लेकिन, काफी समय से दोनों के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे। आरोप थे कि दोनों की मीटिंग तक नहीं हो रही है। साथ ही अकाली दल द्वारा अपने प्रोग्राम में बसपा नेताओं को शामिल तक नहीं किया जाता है।
बसपा 20 सीटों पर लड़ी थी चुनाव
साल 2022 के चुनाव की बात करें तो सिर्फ 20 सीटों पर लड़ते हुए बसपा के नछत्तर पाल ने नवांशहर से जीत दर्ज की थी। वहीं, दूसरी तरफ अकाली दल ने 97 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उनके खाते में सिर्फ तीन सीटें ही आई थीं। इतना ही नहीं 2017 के मुकाबले इस साल बसपा का वोट शेयर भी बढ़ा था।
अकाली दल का वोट प्रतिशत लगातार कम हो रहा
2017 में जहां 1.5 प्रतिशत वोट BSP को पड़े थे, वहीं 2022 में बसपा का वोट शेयर बढ़कर 1.77% हो गया था। अकाली दल का वोट प्रतिशत लगातार कम हो रहा है। बीते चुनावों की बात करें तो बसपा ने 1997 के बाद पहली बार 2022 के चुनाव में पंजाब में अपना खाता खोला था।
बसपा ने 109 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन एक को छोड़कर बाकी कोई भी जमानत हीं बचा पाया था। 2012 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो बसपा ने 109 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन सभी की जमानत जब्त हो गई थी।
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आपको बता दें कि साल 2022 के चुनाव में दोनों दलों ने 25 साल बाद हाथ मिलाया था। इससे पहले दोनों पार्टियों ने 1996 में साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उस समय गठबंधन ने राज्य की 13 लोकसभा सीटों में से 11 पर जीत दर्ज की थी। जबकि अब यह गठबंधन चल रहा है।