डेली संवाद, चंडीगढ़। Chandigarh News: पुलिस की महिला सिपाही की न्यूड फोटो को वायरल करने की धमकी देकर ठगों ने लाखों रुपए ठग लिए। महिला सिपाही ने इसकी शिकायत साइबर सेल में की। साइबर सेल ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये चारों महिला सिपाही की न्यूड फोटो पब्लिश करने व सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते थे।
ये भी पढ़ें – जालंधर के अग्रवाल ढाबे पर नगर निगम की बड़ी कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक पकड़े गए चारों आरोपियों के पास से 6 मोबाइल फोन, 10 बैंक अकाउंट की कॉपी बरामद की गई है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान यूपी के गाजियाबाद निवासी आदेश कुमार, तनवीर खान, वाजिद और दिल्ली के रहने वाले महफूज आलम के रूप में हुई है।
आरोपियों की लोकेशन ट्रेस कर उन्हें गिरफ्तार किया
पुलिस के मुताबिक आरोपी तनवीर खान और वाजिद साइबर फ्रॉड के मामले में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके है। फिलहाल आरोपी जमानत पर चल रहे है। इन्हें पकड़ने के लिए साइबर सेल इंस्पेक्टर रणजीत सिंह की अगवाई में एक टीम बनाई गई थी इसके बाद आरोपियों की लोकेशन ट्रेस कर उन्हें गिरफ्तार किया गया।
रियल मनी एप्लीकेशन डाउनलोड करने पर शुरू हुई ठगी
पीड़ित महिला सिपाही ने बताया कि उसने रियल मनी एप्लीकेशन डाउनलोड की थी। इसके बाद उसमें बैंक खाते का विवरण मांगा गया, जो उसने भर दिया इसके बाद उन्होंने उसके खाते में 1800 रुपए डाल दिए पैसे वापस भेजने का उन्होंने बहुत प्रयास किया लेकिन नहीं हुए। उसके बाद उसके फोन में मैसेज आने लगे जिसमें लिखा था कि राशि का जल्द भुगतान करें।
महिला सिपाही से ठगे 71 लाख रुपए
उसके बाद उसे अलग-अलग मोबाइल नंबर के जरिए व्हाट्सएप कॉलिंग आई और कहा कि उनके द्वारा भेजे गए बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर दो वरना उसकी न्यूड़ फोटो पब्लिश कर देंगे।
ये भी पढ़ें: जालंधर के Board to Abroad के ट्रेवल एजैंट पर महिला ने लगाए सनसनीखेज आरोप
जैसे ही आरोपी ने न्यूड फोटो पब्लिश करने की धमकी दी इसे सुन महिला सिपाही डर गई और उसने आरोपी द्वारा भेजे गए बैंक अकाउंट में अलग-अलग कर कई बार पैसे ट्रांसफर कर दिए। आरोपी के पास पीड़िता द्वारा करीब 71 लाख रुपए दिए जा चुके है।
फर्जी फर्म बना की करोड़ों की ठगी
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी आदेश कुमार के दस्तावेज लगाकर एक फर्जी शैल ट्रेडिंग फर्म खोली हुई थी। और फर्जी कंपनी के नाम से तनवीर खान ने अलग-अलग बैंकों में खाते खोल रखे थे। उन दस्तावेजों पर ही सिम भी खरीदे जिसके जरिए आरोपी लोगों को अलग-अलग नंबर से फोन कर ब्लैकमेल कर उनसे पैसे लेते थे।