डेली संवाद, जालंधर। Vijaya Ekadashi 2024: फाल्गुन महीना चल रहा है। फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन को मुख्य रूप से भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित माना जाता है।
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पंडित प्रमोद शास्त्री के अनुसार अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं, तो विजया एकादशी पर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें और अच्युतस्याष्टकम् स्तोत्र का पाठ करें। आइए पढ़ते हैं अच्युतस्याष्टकम् स्तोत्र –
विजया एकादशी का मुहूर्त (Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 06 मार्च को सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही एकादशी तिथि का समापन 07 मार्च को प्रातः 04 बजकर 13 मिनट होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, विजया एकादशी 06 मार्च, बुधवार के दिन है।
अच्युतस्याष्टकम् (Achyutashtakam Stotra)
अच्युतं केशवं रामनारायणं
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् ।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं
जानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥
अच्युतं केशवं सत्यभामाधवं
माधवं श्रीधरं राधिकाराधितम् ।
इन्दिरामन्दिरं चेतसा सुन्दरं
देवकीनन्दनं नन्दजं सन्दधे ॥
विष्णवे जिष्णवे शाङ्खिने चक्रिणे
रुक्मिणिरागिणे जानकीजानये ।
बल्लवीवल्लभायार्चितायात्मने
कंसविध्वंसिने वंशिने ते नमः ॥
कृष्ण गोविन्द हे राम नारायण
श्रीपते वासुदेवाजित श्रीनिधे ।
अच्युतानन्त हे माधवाधोक्षज
द्वारकानायक द्रौपदीरक्षक ॥
राक्षसक्षोभितः सीतया शोभितो
दण्डकारण्यभूपुण्यताकारणः ।
लक्ष्मणेनान्वितो वानरौः सेवितोऽगस्तसम्पूजितो
राघव पातु माम् ॥
धेनुकारिष्टकानिष्टकृद्द्वेषिहा
केशिहा कंसहृद्वंशिकावादकः ।
पूतनाकोपकःसूरजाखेलनो
बालगोपालकः पातु मां सर्वदा ॥
विद्युदुद्योतवत्प्रस्फुरद्वाससं
प्रावृडम्भोदवत्प्रोल्लसद्विग्रहम् ।
वन्यया मालया शोभितोरःस्थलं
लोहिताङ्घ्रिद्वयं वारिजाक्षं भजे ॥
कुञ्चितैः कुन्तलैर्भ्राजमानाननं
रत्नमौलिं लसत्कुण्डलं गण्डयोः ।
हारकेयूरकं कङ्कणप्रोज्ज्वलं
किङ्किणीमञ्जुलं श्यामलं तं भजे ॥
अच्युतस्याष्टकं यः पठेदिष्टदं
प्रेमतः प्रत्यहं पूरुषः सस्पृहम् ।
वृत्ततः सुन्दरं कर्तृविश्वम्भरस्तस्य
वश्यो हरिर्जायते सत्वरम् ॥
मिलते हैं ये लाभ
विजया एकादशी तिथि पर अच्युतस्याष्टकम् स्तोत्र का पाठ करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी जी की भी कृपा प्राप्त किया जा सकता है। साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं। साथ ही इससे घर-परिवार में सुख-सौभाग्य बनी रहती है। लक्ष्मी जी की कृपा से व्यक्ति को आर्थिक तंगी का भी सामना नहीं करना पड़ता।
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