डेली संवाद, नई दिल्ली। eSim: बीते कुछ सालों में बढ़ते इंटरनेट और तकनीकी ने भले ही लोगों के जीवन को आसान बनाया है, लेकिन इससे लोगों के बीच साइबर सिक्योरिटी से जुड़े खतरों में भी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में स्कैमर्स और हैकर्स हर रोज एक नई तकनीकी का आविष्कार करते हैं। इस बार हैकर्स ने eSim को जरिया बनाया है।
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हाल ही में आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अपराधी लोगों को फंसाने और उनके फोन नंबर, बैक अकाउंट जैसी डिटेल को चुराने के लिए eSim का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक रूसी सुरक्षा कंपनी ने इसके लिए चेतावनी दी है।
सुरक्षा फर्म ने दी चेतावनी
हाल ही में आई रिपोर्ट में पता चला है कि रूसी साइबर सुरक्षा फर्म F.A.C.C.T. ने सिम स्वैपर्स द्वारा eSIM तकनीक के उपयोग के बारे में चेतावनी दी है। यह आपके फोन नंबर चुराने और सुरक्षा उपायों को दरकिनार करने में इसकी मदद ले रहे हैं।
बता दें कि इस फर्म ने 2023 में अगस्त के आखिर से सौ से ज्यादा कोशिशों का पता लगाया है, जो एक ही वित्तीय संगठन में पर्सनल अकाउंट को एक्सेस करना चाहते थे। ये बढ़ते खतरे का संकेत देता है।
eSim का कैसे उठा रहे फायदा
- इसे समझने के लिए आपको समझना होगा कि eSim क्या होता है? आपको बता दें कि eSIM मोबाइल डिवाइस चिप्स पर संग्रहीत डिजिटल सिम कार्ड हैं, जो भौतिक सिम कार्ड की तरह ही काम हैं, लेकिन ये रिमोट रीप्रोग्रामिंग के अलावा कई लाभ के साथ आता है।
- आप अपने ऑपरेटर से क्यूआर कोड को स्कैन करके अपने डिवाइस में एक eSIM जोड़ सकते हैं। यह तकनीक स्मार्टफोन निर्माताओं के बीच लोकप्रिय हो गई है।
- ऐसे में स्कैमर्स या सिम स्वैपर्स ने eSIM तकनीक का फायदा उठाने के लिए अपने हमलों को कस्टमाइज किया है।
- हमलावर चोरी या लीक किए गए क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके यूजर्स के मोबाइल अकाउंट को हाईजैक करते हैं। इसके बाद खातों से क्यूआर कोड जनरेट करके आपके नंबरों को अपने डिवाइस पर पोर्ट करना शुरू करते हैं।
- यह प्रक्रिया वैध मालिक के eSIM या भौतिक सिम कार्ड को निष्क्रिय कर देता है, इससे आप इसे एक्सेस नहीं कर पाते हैं।
- एक बार ऐसे होने के बाद वह आपके सभी जरूरी मैसेज और अकाउंट डिटेल का एक्सेस पा लेता है। इसके बाद बैंकों और मैसेजिंग ऐप्स के साथ सभी सर्विसेस के लिए एक्सेस कोड और टू स्टेप वेरिफिकेशन को हासिल कर सकते हैं।
eSIM-स्वैपिंग से कैसे बचे?
- eSIM-स्वैपिंग हमलों के लिए जरूरी है कि आप एक मजबूत और यूनिक पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
- ई-बैंकिंग और क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट जैसे हाई वैल्यू अकाउंट को मजबूत और फिजिकल सुरक्षा में रखें ।
- किसी के साथ भी अपनी कई डिटेल शेयर ना करें, कोई भी संदेह होने पर तुरंत पासवर्ड बदलें।
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