डेली संवाद, चंडीगढ़। Climate Change Alert: पिछले कुछ सालों में पर्यावरण में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं। तकनीक की मदद से तेजी से विकसित हो रही दुनिया में कार्बन उत्सर्जन मानव अस्तित्व के लिए लगातार खतरा बनता जा रहा है।
यह बात संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में भी सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि 2014 से 2023 के बीच के 10 साल सबसे गर्म दशक रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने मंगलवार को अपनी वार्षिक जलवायु स्थिति रिपोर्ट जारी की है।
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आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि 2023 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म साल रहा है। जबकि 2014 से 2023 तक का समय सबसे गर्म दशक के तौर पर दर्ज किया गया है। इन 10 वर्षों के दौरान, गर्मी की लहरों ने महासागरों को प्रभावित किया। ग्लेशियरों को भी रिकॉर्ड बर्फबारी का नुकसान हुआ है।
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विश्व मौसम विज्ञान संगठन की इस रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट बताती है कि हमारी धरती विनाश के कगार पर है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि 1950 के दशक में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से दुनिया भर के प्रमुख ग्लेशियरों को बर्फ की सबसे बुरी क्षति हुई है।