डेली संवाद, नई दिल्ली। Apple iPhone Exports: ऐपल ने वित्त वर्ष 2024 में भारत से 10 अरब डॉलर के आईफोन का निर्यात किया, जो अभी तक का रिकॉर्ड है।
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सरकार को मिले आंकड़ों के अनुसार कंपनी ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत वित्त वर्ष 2024 में जो फोन बेचे, उनकी कीमत 2022-23 में बिके आईफोन की कीमत से दोगुनी यानी 100 फीसदी ज्यादा रही। भारत में यह पहला मौका है, जब किसी कंपनी ने इतनी अधिक कीमत का अपना कोई उपभोक्ता उत्पाद निर्यात किया है।
2024 में इतने अरब डॉलर के आईफोन बनाए
पिछले वित्त वर्ष में देश में 70 फीसदी आईफोन निर्यात कर दिए गए। ऐपल के लिए ठेके पर फोन बनाने वाली तीनों कंपनियों में से फॉक्सकॉन (Foxconn) के बनाए 60 फीसदी, पेगाट्रॉन (Pegatron) के 74 फीसदी और विस्ट्रॉन (Wistron) (अब टाटा की इकाई) के बनाए 97 फीसदी आईफोन विदेशी बाजारों में भेज दिए गए।
वित्त वर्ष 2024 में इन तीनों ने कुल 14 अरब डॉलर के आईफोन बनाए। ऐपल इंक के प्रवक्ता ने इन आंकड़ों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
पीएलआई योजना के तहत वित्त वर्ष 2024 में तीनों कंपनियों को कुल 7.2 अरब डॉलर के आईफोन निर्यात करने थे मगर उन्होंने 39 फीसदी ज्यादा निर्यात कर डाला। आंकड़े बताते हैं कि पीएलआई के तहत ऐपल ने चालू वित्त वर्ष यानी 2024-25 में 10 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा था मगर यह उपलब्धि उसने साल भर पहले ही हासिल कर ली।
ऐपल भारत में अपनी क्षमता बढ़ा रही है
ऐपल भारत में अपनी क्षमता बढ़ा रही है, जिससे लगता है कि अगले कुछ साल में वह यहां बनने वाले कुल आईफोन में से 80 फीसदी से ज्यादा निर्यात करने लगेगी।
ऐपल दुनिया भर में वैल्यू चेन रखने वाली पहली ऐसी कंपनी है, जिसने भारत को यहां के बाजार के बजाय निर्यात के लिए अपना अड्डा बना लिया है। ऐपल ने भारत से 10 अरब डॉलर कीमत का जो निर्यात किया है, उसकी बाजार में कीमत अलग-अलग देशों का कर जुड़ने के बाद तकरीबन 16 अरब डॉलर रह सकती है।
वित्त वर्ष 2024 में भारत से मोबाइल फोन का कुल निर्यात 15 अरब डॉलर के पार रहने की उम्मीद है। इसमें सबसे ज्यादा दो-तिहाई भागीदारी ऐपल की ही होगी। पीएलआई योजना शुरू होने के बाद से यहां ऐपल के पूरे कामकाज ने रोजगार के तकरीबन 1.5 लाख नए मौके तैयार किए हैं। इसके अलावा 3 लाख लोगों को परोक्ष रोजगार भी मिला है।
कई निजी और सरकारी निर्माण कंपनियां भी शामिल
इसमें कई निजी और सरकारी निर्माण कंपनियां भी शामिल हैं, जो ऐपल के उत्पाद बनाने में जुटे कामगारों के लिए कारखानों के पास ही लगभग 50,000 नए मकान बना रही हैं। ज्यादातर मकान महिला कामगारों के लिए होंगे, जो फॉक्सकॉन होन हई, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और सैलकॉम्प जैसी कंपनियों में काम कर रही हैं।
आईफोन की मांग भारत में और तेजी से बढ़ रही
ऐपल के उत्पादों का देसी बाजार तेजी से बढ़ रहा है और आईफोन की मांग तो भारत में और भी तेजी से बढ़ रही है। मगर वित्त वर्ष 2022-23 में भारत से कंपनी को मिला 49,321 करोड़ रुपये का राजस्व दुनिया भर से हुई कमाई का बमुश्किल 1.5 फीसदी रहा था।
उस साल उसे कुल 383.29 अरब डॉलर की आय हुई थी। वित्त वर्ष 2023-24 में यहां उसकी कमाई साल भर पहले के मुकाबले 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है।
ICAEA ने पिछले दिनों कहा था कि
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (Indian Cellular and Electronics Association) ने पिछले दिनों कहा था कि महंगे मोबाइल फोन छोड़ दिए जाएं तो देश में सेलफोन का बाजार ठहर रहा है।
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ऐसे में 2026-27 तक 100 अरब डॉलर के मोबाइल फोन बनाने का लक्ष्य तभी हासिल हो सकता है, जब उनका भरपूर निर्यात किया जाए। एसोसिएशन ने कहा कि निर्यात बाजार में होड़ में बने रहने के लिए उत्पाद शुल्क में भारी कटौती करनी होगी।