डेली संवाद, चंडीगढ़। Jalandhar News: हाईकोर्ट द्वारा हरियाणा सरकार (Haryana Govt) को शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) खोलने के आदेश जारी किए गए थे। हरियाणा सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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इस बीच किसानों द्वारा आज आगे की रणनीति का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने शुभकरण की मौत और नवदीप की रिहाई के बारे में भी बात की।
रास्ता खुलते ही दिल्ली कूच करेंगे
यहां अन्य किसान नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जगजीत सिंह डल्लेवाल ने ऐलान किया कि वह रास्ता खुलते ही दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि रास्ते खुलवाने के मामले में हाई कोर्ट ने कहा था कि हरियाणा सरकार तुरंत रास्ते खोले।
इसके बाद हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है। इससे यह साफ है कि रास्ता किसानों ने नहीं रोका है बल्कि हरियाणा सरकार ने रोका है। उन्होंने व्यापारी भाइयों से अपील की है कि वह हरियाणा सरकार पर रास्ता खोलने का दबाव बनाएं। डल्लेवाल ने कहा कि जैसे ही रास्ता खुलते ही वह अपना सामान समेट कर दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
नवदीप को जेल में बंद कर रखा
डल्लेवाल ने कहा कि उनके साथी नवदीप को जेल में बंद कर रखा है। उसे रिहा करवाने के लिए किसानों द्वारा दिया गया 17 और 18 जुलाई का कार्यक्रम तय है। अगर सरकार इससे पहले नवदीप को रिहा कर देती है तो किसान वहां जाकर प्रदर्शन नहीं करेंगे।
फायरिंग की है
शुभकरण के मामले पर बोलते हुए डल्लेवाल ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा हरियाणा के ही पुलविस अधिकारी को मामने की जांच सौंपी गई है जो उनके साथ बेइंसाफी है।
उन्होंने कहा कि पहले जब हाई कोर्ट द्वारा सेवानिवृत्त जज के नेतृत्व में जांच करवाने का आदेश दिया गया था तो हरियाणा सरकार ने कहा कि जांच रोकने की अपील की थी। हरियाणा सरकार ने कहा कि इस जांच से पुलिस का मनोबल टूटेगा और पुलिस आगे से फायरिंग करने से गुरेज करेगी।
इससे साफ है कि उन्होंने फायरिंग की है और उससे ही शुभकरण की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार अपने अधिकारियों का बचाव कर रही है। इस लिए उनकी अपील है कि हाई कोर्ट इस मामले पर दोबारा विचार करे।
किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए
बता दें कि एम.एस.पी. की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान लंबे समय से शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों द्वारा अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच का ऐलान किया गया था पर हरियाणा सरकार ने पंजाब के साथ लगते बॉडरों पर बैरिकेडिंग कर किसानों को रोक लिया गया।
इस कारण किसानों द्वारा रास्ता खुलने तक वहां ही रुकने का ऐलान किया गया था और वह रास्ता खुलने के बाद दिल्ली कूच करने के प्रोग्राम पर कायम हैं।