Burger King Pune Legal Battle: पुणे के ‘बर्गर किंग’ (Burger King Pune) को एक लंबी कानूनी लड़ाई में जीत मिली है। अमेरिकी फास्ट फूड चेन ‘बर्गर किंग कॉर्पोरेशन’ (Burger King Corporation) के खिलाफ पुणे के बर्गर किंग की 13 साल पुरानी ट्रेडमार्क विवाद की लड़ाई समाप्त हो गई है।
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पुणे की अदालत ने फैसला सुनाया है कि पुणे का बर्गर किंग नाम का उपयोग पहले से कर रहा था और अमेरिकी कंपनी ने भारत में 2014 में प्रवेश किया। इसके कारण, ट्रेडमार्क का अधिकार पुणे के बर्गर किंग के पास था।
बर्गर किंग पुणे की कानूनी लड़ाई की जानकारी (Burger King Pune Legal Battle)
अमेरिकी बर्गर किंग ने पुणे के बर्गर किंग के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का मामला दर्ज किया था। अमेरिकी कंपनी का कहना था कि पुणे का बर्गर किंग नाम का यूज करना कानूनी नहीं है और इससे उन्हें व्यापार में नुकसान हो रहा है। उन्होंने पुणे के बर्गर किंग से नाम के उपयोग पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
पुणे के बर्गर किंग के मालिक अनाहिता और शापूर ईरानी के खिलाफ अमेरिकी बर्गर किंग ने मुकदमा दायर किया था। अदालत ने यह निर्णय दिया कि पुणे का बर्गर किंग 1992-1993 से नाम का यूज कर रहा था, जबकि अमेरिकी कंपनी ने भारत में 2014 में प्रवेश किया। कोर्ट ने यह भी माना कि अमेरिकी कंपनी ने लगभग 30 वर्षों तक भारत में ट्रेडमार्क का यूज नहीं किया, जबकि पुणे का बर्गर किंग लगातार इस नाम के तहत सेवाएं देता रहा।
अमेरिकी बर्गर किंग का इतिहास
अमेरिकी बर्गर किंग की स्थापना 1954 में जेम्स मैकलामोर और डेविड एडगर्टन द्वारा की गई थी। यह कंपनी आज दुनिया के 100 से अधिक देशों में 13,000 फास्ट फूड रेस्टुरेंट चलाती है। एशिया में पहला बर्गर किंग फ्रेंचाइजी रेस्टुरेंट 1982 में खोला गया।
अमेरिकी बर्गर किंग ने 2014 में भारत में अपने आउटलेट खोलने के बाद देखा कि पुणे में ‘बर्गर किंग’ (Burger King) नाम से एक रेस्टुरेंट पहले से ही चल रहा था। इस स्थिति को देखते हुए, अमेरिकी बर्गर किंग ने पुणे के बर्गर किंग को नोटिस भेजा और कानूनी कार्रवाई की।
कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने 16 अगस्त 2024 को आदेश दिया कि पुणे के बर्गर किंग को अपने नाम का उपयोग जारी रखने की अनुमति दी जाती है। न्यायाधीश ने कहा कि पुणे का बर्गर किंग पहले से इस नाम का उपयोग कर रहा था और अमेरिकी बर्गर किंग ने भारत में ट्रेडमार्क का रजिस्ट्रेशन काफी बाद में कराया।