डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर (Jalandhar) में फर्जी एनओसी (NOC) जारी कर भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann) को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले कालोनाइजर और अफसरों को बचाने की कवायद शुरू हो गई है। जिस वडिंग की कालोनी की फर्जी एनओसी (Fake NOC) पकड़ी गई, उसके खिलाफ एफआईआर (FIR) की सिफारिश निगम के फाइलों में ही दब गई। वहीं, इस कालोनी की कोठियों का नक्शा पास करने वाले अफसर और ड्राफ्ट्समैन को नोटिस तक जारी नहीं किया गया।
एक जागरुक पाठक ने आरटीआई के जरिए नगर निगम से इन फर्जी एनओसी की डिटेल निकलवाई, जिसे डेली संवाद आज प्रकाशित कर रहा है। इस फर्जी एनओसी पर एमटीपी नरिंदर शर्मा और एटीपी सुखप्रीत कौर के हस्ताक्षर हैं। वडिंग की कालोनी की कुल 6 एनओसी जारी की गई है।
वडिंग की कालोनी अवैध, एनओसी फर्जी
नगर निगम (Jalandhar Municipal Corporation) के रिकार्ड के मुताबिक वडिंग स्थित अवैध कालोनी की तीन एनओसी मार्च 2023 में जारी की गई। इन सभी एनओसी पर तत्कालीन एमटीपी नरिंदर शर्मा के हस्ताक्षर हैं। रिकार्ड के मुताबिक हरजिंदर कौर पत्नी रणजोध सिंह के नाम पर मार्च 2023 में 3 एनओसी जारी की गई।
इन तीन एनओसी पर अलग अलग G8 के नंबर डाले गए हैं। पहली एनओसी पर G8 Number – PB/NOC/JALAN/103697 है, इसकी फीस 45,547 रुपए जमा कराए गए। इसी तरह दूसरी एनओसी G8 Number – PB/NOC/JALAN/103699 है, इसकी फीस 45,547 रुपए जमा कराई गई। इसके बाद तीसरी एनओसी G8 Number – PB/NOC/JALAN/103696 है, इसकी भी फीस 45,547 रुपए जमा कराई गई।
चेतन है मास्टर माइंड
सूत्र बता रहे हैं कि इन फर्जी एनओसी के पीछे कोई चेतन नामक मास्टर माइंड है। जो खुद को आर्किटैक्ट बता कर काम करता है, लेकिन असली खेल बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी एनओसी का है। एक फर्जी एनओसी के बदले 1-1 लाख रुपए वसूले गए हैं।
इसी वडिंग कालोनी पर इसी साल यानि 2024 में अप्रैल को नगर निगम के अफसरों ने फिर मेहरबानी दिखाई। अप्रैल 2024 में इस कालोनी की तीन फर्जी एनओसी और जारी कर दी गई। इन एनओसी पर एटीपी सुखप्रीत कौर के हस्ताक्षर हैं। यही नहीं, इनके नक्शे भी पास कर दिए गए।
नरिंदर शर्मा और सुखप्रीत के हैं हस्ताक्षर
नगर निगम रिकार्ड के मुताबिक 4 अप्रैल 2024 को एक साथ तीनों फर्जी एनओसी जारी की गई हैं। पहली एनओसी रजनीबाला पत्नी सुखविंदर कुमार के नाम पर जारी की गई। इसका G8 Number – PB/JUC/JALAN/211259 है, जो चांज में फर्जी पाया गया।
इसी तरह इसी कालोनी में दूसरी एनओसी शिल्पी तिवारी पुत्री कृष्ण गोपाल के नाम पर 4 अप्रैल 2024 को जारी की गई, इसका G8 Number – PB/JUC/JALAN/211257 है। इसी तरह तीसरी फर्जी एनओसी भी इसी दिन जारी की गई, जिसका G8 Number – PB/JUC/JALAN/211254 है।
कालोनाइजर पर FIR वाली सिफारिश दबी
इन फर्जी एनओसी से नगर निगम को तगड़ा चूना लगाया गया। हैरानी की बात तो यह है कि फर्जी एनओसी के खेल में नक्शा पास करने वाले अफसर भी शामिल हैं। जिससे इस अवैध कालोनी का नक्शा भी धड़ाधड़ पास कर दिए गए। नगर निगम को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले कालोनाइजर मनोज वडिंग के खिलाफ एफआईआर की सिफारिश तो की गई, लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई।
सूत्र बता रहे हैं कि कालोनाइजर के साथ साथ नगर निगम के अफसरों को बचाया जा रहा है। आम आदमी पार्टी की सरकार में कांग्रेसी कालोनाइजर के साथ निगम के भ्रष्ट अफसरों को बचाने के लिए एनओसी मामले की फाइल ही दबाई जा रही है।
जालंधर के 10 बड़े कालोनाइजरों ने फर्जी एनओसी बनाई
यही नहीं, नगर निगम के अफसरों के साथ मिलीभगत से कई कालोनाइजरों ने फर्जी एनओसी बनाई है। इसमें चेतन नामक आर्कीटैक्ट के साथ कुछ बड़े आर्कीटैक्ट शामिल हैं। जिनके पास नगर निगम के ई नक्शे आपरेट करने का पूरा अधिकार है। इसी के जरिए ये आर्किटैक्ट फर्जी एनओसी का खेल खेलते हैं। डेली संवाद इन कालोनाइजरों की फर्जी एनओसी के साथ साथ आर्कीटैक्ट के चेहरे बेनकाब करेगा।
जालंधर के नार्थ में रहने वाले एक कालोनाइजर, जो AAP ज्वाइन कर नेता बन गए, उन्होंने भी इसी आर्कीटैक्ट के साथ मिलकर फर्जी एनओसी हासिल किया है। इसी तरह होशियारपुर रोड पर कालोनाइजर ने फर्जी एनओसी से रजिस्ट्रियां करवाई हैं। वेस्ट हलके के एक कालोनाइजर की कालोनियों में भी फर्जी एनओसी लगाई गई है। करीब 10 एसे कालोनाइजर हैं, जो फर्जी एनओसी के जरिए अपनी कालोनियों को खरीदने और बेचने का धंधा कर रहे हैं। इसका खुलासा जारी रहेगा।