डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पाकिस्तान-आई.एस.आई. द्वारा प्रायोजित खालिस्तान ज़िंदाबाद फोर्स (KZF) आतंकी संगठन के खिलाफ बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए, पंजाब पुलिस (Punjab Police) और उत्तर प्रदेश (यूपी) पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन के तहत गुरदासपुर (Gurdaspur) में पुलिस थाने पर ग्रेनेड हमला करने वाले इस मॉड्यूल के तीन सदस्यों के साथ भारी मुठभेड़ की।
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यह जानकारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव (DGP Gaurav Yadav) ने सोमवार को यहां दी। यह मुठभेड़ (एनकाउंटर) यूपी के पीलीभीत के थाना पूरनपुर के अधिकार क्षेत्र में पंजाब और पीलीभीत की पुलिस टीमों द्वारा संयुक्त रूप से उस समय की गई, जब तीन मॉड्यूल सदस्यों ने पुलिस पार्टी पर गोलियां चला दी थीं।
आतंकी संगठन KZF ने जिम्मेदारी ली
यह घटना 18 दिसंबर 2024 को गुरदासपुर के कलानौर पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में पड़ने वाली बख्शीवाला पुलिस चौकी पर कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा हैंड ग्रेनेड फेंकने की घटना के एक सप्ताह से भी कम समय में हुई। उल्लेखनीय है कि आतंकी संगठन के.ज़ेड.एफ. ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके इस आतंकी गतिविधि की जिम्मेदारी ली थी।
डीजीपी गौरव यादव ने तीन सदस्यों की पहचान वरिंदर सिंह उर्फ रवि निवासी अगवान, कलानौर; गुरविंदर सिंह निवासी मोहल्ला भैणी बाणिया, कलानौर; और जशनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह निवासी शूर खुर्द, कलानौर के रूप में की है। उन्होंने आगे बताया कि यूपी में पुलिस टीमों ने उनके कब्जे से दो ए के -47 राइफलें और दो 9 एमएम ग्लॉक पिस्तौलें भी बरामद की हैं।
जांच में पाया गया है कि…
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि इस आतंकी मॉड्यूल को के.ज़ेड.एफ. के मुखिया रंजीत सिंह नीटा द्वारा नियंत्रित किया जाता है और ग्रीस स्थित जसविंदर सिंह मन्नू (मूल निवासी गांव अगवान, कलानौर) द्वारा संचालित किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि इस मॉड्यूल का नेतृत्व कर रहा आरोपी वरिंदर उर्फ रवि भी गांव अगवान का निवासी है और उसे ब्रिटेन स्थित जगजीत सिंह द्वारा निर्देशित किया जा रहा था, जो ब्रिटिश सेना में काम करता बताया जाता है और अपनी पहचान फतेह सिंह बागी के रूप में दर्शाता था। इसी नाम के तहत उसने सोशल मीडिया पर ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी भी ली थी।
पुलिस बलों ने मिलकर काम किया
इस ऑपरेशन, जिसमें यूपी और पंजाब की पुलिस बलों ने मिलकर काम किया, को अंतरराज्यीय सहयोग का शानदार उदाहरण बताते हुए डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस को जो सूचना मिली थी, उसे तुरंत यूपी पुलिस के साथ साझा किया गया और दोषियों के खिलाफ संयुक्त ऑपरेशन अंजाम दिया गया।
इस कार्रवाई के संबंध में अधिक जानकारी साझा करते हुए पुलिस के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) बार्डर रेंज सतिंदर सिंह ने कहा कि संदिग्ध व्यक्तियों के यूपी भागने और पीलीभीत में कहीं शरण लेने के बारे में विश्वसनीय सूचना मिलने के बाद, गुरदासपुर पुलिस ने तुरंत पीलीभीत पुलिस को सूचित किया और पुलिस टीमों को गुरदासपुर से एक संयुक्त कार्रवाई के लिए पीलीभीत भेज दिया गया।
पुलिस टीमों पर गोलियां चलाई
उन्होंने कहा कि पुलिस टीमों ने आरोपियों को काबू करने में सफलता प्राप्त की और आमने-सामने होने पर दोषियों ने पुलिस टीमों पर गोलियां चला दीं, तो मजबूरन पुलिस पार्टियों ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गोली चलाई। गोलीबारी के दौरान तीनों आरोपियों को गोलियां लगीं, जिन्हें तुरंत चिकित्सीय उपचार के लिए सीएचसी पूरनपुर ले जाया गया।
गुरदासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरीश दियामा ने कहा कि इस आतंकी मॉड्यूल के सभी संबंधों और सदस्यों का पर्दाफाश करने के लिए आगे की जांच की जा रही है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और बरामदगी की संभावना है।
इस संबंध में एफआईआर नंबर 124, दिनांक 19/12/2024 को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 109 और 324(4) और विस्फोटक अधिनियम की धारा 4(5) के तहत थाना कलानौर में दर्ज की गई थी। जबकि अब एफआईआर में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धाराएं 13, 16, 17, 18-बी, 20, 35 और 40 शामिल की गई हैं।