डेली संवाद, फिरोजपुर। Punjab News: देश धर्म के खातिर बलिदान हुए साहबजादो (Sahibzado) की याद में विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल की ओर से वीर बाल दिवस सारागढ़ी गुरुद्वारा में जाकर बड़ी श्रद्धा भावना से बनाया। पाठी सिंहों की ओर से गुरु महाराज की हजूरी में पाठ किए गए। रागी सिंहों की ओर से है साहबजादों और माता गुजरी (Mata Gujri) जी को याद किया गया। शब्द गाये गए।
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गुरुद्वारा साहिब के मुख्य ग्रंथि की ओर से सरबत के भले की कामना की गई। उन्होंने कहा कि कौम के खातिर बलिदान देने वाले सरबंस दानी श्री गुरु गोविंद सिंह जी, माता गुजरी कौर और चारों साहबजादों की कुर्बानी को याद रखना एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने इच्छा प्रकट की के यह पूरे भारतवर्ष में उनकी शहादत को मंदिरों, गुरुद्वारों और धार्मिक स्थलों पर याद किया जाना चाहिए।
स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया
डॉक्टर रामेश्वर सिंह ने सरबंसदानी श्री गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार और उनके इतिहास के बारे में रोशनी डाली और बताया कि औरंगजेब एक जालम राजा था जिसने गुरु जी के परिवार को तसीहे देकर साहबजादों को सरहद की दीवारों में चिनवा दिया। ठंडे बुर्ज में रखकर उनको तसीहे दिए क्योंकि उन्होंने इस्लाम को कबूल करने के लिए इनकार कर दिया था और अपना धर्म नहीं छोड़ा।
उन्होंने यह भी बताया कि बुल्ले शाह कहते हैं बात सुनो अब की बात सुनो तब की अगर ना होते गुरु गोविंद तो सुन्नत होती सबकी अंत में उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया जिन्होंने यह पवित्र प्रयास करके साहिबजादियां की शहादत को याद को नमन किया और उपस्थित संगत को गरमा गरम दूध पिलाकर निहाल किया। विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के सदस्यों द्वारा गुरुद्वारा साहिब के मुख्य ग्रंथि जी को साहिबजादो की याद मे स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।