डेली संवाद, नई दिल्ली। Holi 2025: होली रंगों का त्योहार है, जो इस साल 14 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। खुशियों भरे इस रंग-बिरंगे त्योहार में हम एक-दूसरे पर रंग डालते हैं, गुजिया खाते हैं और खूब गाना-बजाना करते हैं। हालांकि, केमिकल वाले रंग इस त्योहार के रंग को फीका कर सकते हैं (Safe Holi celebration)।
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बाजार में मिलने वाले केमिकल वाले रंगों से त्वचा और बालों को नुकसान पहुंच सकता है। इन रंगों में हानिकारक केमिकल्स होते हैं, जो एलर्जी, खुजली और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। अगर ये रंग आंखों में चले जाएं, तो आंखों की रोशनी जाने तक का खतरा रहता है।

इसलिए होली को सुरक्षित और प्राकृतिक तरीके (Chemical Free Colors) से मनाने के लिए घर पर नेचुरल रंग बनाना एक बेहतर विकल्प है। यह न केवल सेहत के लिए सुरक्षित है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाते है।
गुलाब की पंखुड़ियों से गुलाबी रंग
गुलाब की पंखुड़ियों से सुंदर गुलाबी रंग बनाया जा सकता है। इसके लिए गुलाब की ताजा पंखुड़ियों को इकट्ठा करें और उन्हें पानी में डालकर उबाल लें। पंखुड़ियों को तब तक उबालें जब तक पानी का रंग गहरा गुलाबी न हो जाए।
इसके बाद मिश्रण को ठंडा होने दें और छान लें। इस रंग को होली (Holi) खेलने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह रंग त्वचा के लिए बिल्कुल सुरक्षित है और इसमें गुलाब की सुगंध भी होती है। आप चाहें, तो गुलाब की पंखुड़ियों को सुखाकर सूखा गुलाल भी बना सकते हैं।

गेंदे के फूल से पीला रंग
गेंदे के फूलों से चमकदार पीला रंग बनाया जा सकता है। गेंदे के फूलों को तोड़कर उन्हें पानी में डालें और उबाल लें। फूलों को तब तक उबालें जब तक पानी पीला न हो जाए। इसके बाद मिश्रण को ठंडा करके छान लें। यह रंग न केवल सुरक्षित है, बल्कि इसमें गेंदे के फूलों की खुशबू भी होती है। गेंदे के फूलों को सुखाकर इससे पीले रंग का सूखा रंग भी बना सकते हैं, जो बिल्कुल सेफ होगा।
टेसू के फूल से केसरिया रंग
टेसू के फूल, जिन्हें पलाश के फूल भी कहा जाता है, से गहरा केसरिया रंग बनाया जा सकता है। टेसू के फूलों को पानी में डालकर उबालें। जब पानी का रंग गहरा नारंगी हो जाए, तो इसे ठंडा करके छान लें। यह रंग होली के लिए बहुत लोकप्रिय है और यह त्वचा के लिए पूरी तरह से नेचुरल और सुरक्षित है।

हल्दी से पीला रंग
हल्दी एक प्राकृतिक रंग है जिससे पीला रंग बनाया जा सकता है। हल्दी पाउडर को पानी में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को पानी में मिलाकर पीला रंग तैयार किया जा सकता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं, जो त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं।
अपराजिता के फूल से नीला रंग
अपराजिता के फूलों से सुंदर नीला रंग बनाया जा सकता है। अपराजिता के फूलों को पानी में डालकर उबालें। जब पानी का रंग नीला हो जाए, तो इसे ठंडा करके छान लें। यह रंग त्वचा के लिए बिल्कुल सुरक्षित है और इसमें फूलों की प्राकृतिक सुगंध भी होती है। इन फूलों को सूखाकर और पीसकर सूखा रंग भी बना सकते हैं, जिन्हें पानी में घोलकर होली खेल सकते हैं।


