डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर नगर निगम (Jalandhar Municipal Corporation) की बिल्डिंग ब्रांच देर रात जिन इमारतों को सील करती है, अगले दिन सुबह उनकी सील टूट जाती है। खासकर कामर्शियल इमारतों की सील टूट रही है। सूत्र बताते हैं कि इन कामर्शियल इमारतों की सील तुड़वाने के लिए ताकतवर नेता शामिल हैं, जो मोटी फीस वसूल करते हैं।
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जालंधर (Jalandhar) शहर में ऐसी तमाम कामर्शियल इमारतें, जिसे सील करने के बाद खोल दिए गए या फिर उसकी सील टूट गई। ताजा मामला कूल रोड पर जौहल मार्केट के पास का है। यहां बाबा चिकन के पास अवैध रूप से बने दो शोरूम को निगम टीम ने सील किया था, लेकिन अगली सुबह दोनों की सील टूट गई।
रात को सीलिंग, सुबह ताला तोड़ा
बताया जा रहा है कि देर रात इन दोनों शोरूम को नगर निगम की टीम ने सील किया था। सुबह सील टूटने से चर्चा शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि सील तुड़वाने वाले नेता ने मोटी फीस वसूल की है। अवैध रूप से बने शोरूम को फिर से सील किया जाएगा, या नहीं ये चर्चा कि विषय बना हुआ है।
शहनाई पैलेस के सामने शापिंग कांप्लैक्स पर एक्शन नहीं
उधर, अशोक नगर में शहनाई पैलेसे में बिना किसी रोक टोक के दो मंजिला कामर्शियल कांप्लैक्स खड़ा हो गया। जबकि इसे नगर निगम के कई बार नोटिस जारी कर दिया है, कई बार काम रुकवा चुका है। सूत्र बताते हैं कि इस कामर्शियल कांप्लैक्स को गिराने का आदेश निगम कमिश्नर दे चुके हैं, लेकिन इस पर निगम टीम एक्शन नहीं ले रही है।
डिफेंस कालोनी की मोड पर अवैध काम
शहर में अवैध निर्माण पर कार्रवाई भी हो रही है, लेकिन अवैध रूप से बन रही बड़ी कामर्शियल इमारतों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। डिफैंस कालोनी की मोड पर बस स्टैंड से गढ़ा रोड पर इमारत के मालिक ने बेसमेंट ही बंद कर दिया, जिसकी शिकायत इलाके के लोगों करते आ रहे हैं, लेकिन इस इमारत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अब इमारतों के कटे चालान पर कार्रवाई नहीं करने पर जवाब-तलब शुरू हो गया है। बिल्डिंग ब्रांच की एडहॉक कमेटी के चेयरमैन अश्वनी अग्रवाल ने एमटीपी, एटीपी और इंस्पैक्टर से अब हिसाब मांगा है। अश्वनी अग्रवाल ने पहली मीटिंग में चालान का रिकॉर्ड तलब किया है।
बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों से जवाब तलबी
कमेटी के चेयरमैन अश्वनी अग्रवाल ने बिल्डिंग ब्रांच से कॉलोनाइजरों पर बकाया ईडीसी शुल्क का रिकॉर्ड भी सात दिन में तलब किया है। अश्वनी अग्रवाल ने कहा कि सिटी में कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल नक्शा पास होने पर निर्माण कराया जाए। यहां तक कि ई-पोर्टल में नक्शे और एनआईसी पेडिंग बनी रहती है।
ऐसे में लोग ब्रांच में भटकते हैं, और कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं मिलता है। इसलिए ई-पोर्टल पर पेंडेंसी को खत्म किया जाए, ताकि जनता को राहत मिले। ई-पोर्टल पर एनआईसी और नक्शों की पेंडेंसी खत्म करने के आदेश दिए हैं। साथ ही ई-पोर्टल की पेंडेंसी को खत्म करने के आदेश दिए हैं।