World Telecommunication Day: साइंस सिटी में मनाया गया विश्व टेलीकॉम दिवस

Muskan Dogra
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डेली संवाद, कपूरथला। World Telecommunication Day: पुष्पा गुजलाल साइंस सिटी द्वारा इस बार के थीम “परिवर्तनीय डिजिटल युग में लिंग समानता” पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पंजाब के 150 से अधिक स्कूली छात्र और शिक्षकों ने भाग लिया।

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इस अवसर पर साइंस सिटी के डायरेक्टर डॉ.राजेश ग्रोवर भी उपस्थित थे, उन्होंने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अधिक से अधिक महिलाओं को रोल मॉडल बनने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब भी नौजवान लड़कियां इन क्षेत्रों में सफल महिलाओं को देखती हैं, तो वे भी इस रास्ते पर चलने के लिए आकर्षित होती हैं।

महिलाओं की वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डाला

इस मौके पर डॉ. ग्रोवर ने महिलाओं को वर्तमान चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला, खासकर छोटे शहरों में जहाँ पारिवारिक जिम्मेदारियां महिलाओं की करियर की इच्छाओं और बदलावों को सीमित कर देती हैं। उन्होंने युवतियों को नई-नई तकनीकों जैसे कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़ने के लिए प्रेरित किया और बताया कि इन साधनों का इस्तेमाल दुनिया के मुद्दों को सुलझाने के लिए कैसे किया जा सकता है।

इस अवसर पर एन.आई.टी जालंधर के डॉ. बलविंदर राज मुख आह्वकके रूप में उपस्थित हुए और उन्होंने हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी में इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग की भूमिका के बारे में स्कूल के बच्चों को जानकारी दी। अपने लेक्चर के दौरान डॉ. राज ने रोजाना इस्तेमाल होने वाली तकनीकों, स्मार्ट फोन से लेकर हेलीकाप्टर के पुर्जों, वर्ल्ड कम्युनिकेशन सिस्टम जैसे मोबाइल नेटवर्क और उपग्रह प्रणाली में इलेक्ट्रॉनिक संचार इंजीनियर की महत्ता से छात्रों को अवगत करवाया।

छात्र-छात्राओं को दी चेतावनी

इस अवसर पर डॉ. राजा ने छात्र-छात्राओं को चेतावनी दी कि डिजिटल तकनीकें जहाँ महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार और मजबूती का स्रोत हैं, वहीं अगर इनका उपयोग समझदारी से नहीं किया गया तो लैंगिक असमानता का खतरा भी बढ़ सकता है। उन्होंने उपकरणों को अधिक से अधिक बेहतर और लागत प्रभावी बनाने के लिए इंटीग्रेटेड सर्किटों की भूमिका के बारे में छात्रों को जानकारी दी, ताकि डिजिटल उपकरण सभी की पहुंच में आएं।

यह कार्यक्रम डिजिटली दुनिया के युग में सभी को समान अवसर प्रदान करने की जरूरत और केंद्रित था, और इस दौरान तकनीक की सभी तक समान पहुंच को मुख्य ध्यान में रखा गया। इस मौके पर डिजिटल पहुंच और लिंग समानता के विषय पर रचनात्मक विचार साझा करने के प्रोत्साहन के साथ छात्रों में उत्तेजना पैदा करने के उद्देश्य से कैप्शन लिखने का भी प्रतियोगिता करवाई गई।




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