डेली संवाद । Canada News: कनाडा, जो कभी भारतीय छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य हुआ करता था, अब वहां जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में कमी देखी जा रही है। 2023 में लगभग 3.2 लाख भारतीय छात्र कनाडा गए थे, लेकिन 2024 से कनाडा ने स्टडी परमिट्स में 35% की कटौती की है। इसके अलावा, वर्क परमिट की कड़ी शर्तें और सख्त जांच प्रक्रिया भी इसमें प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।
नीतिगत बदलाव और उनकी भूमिका
Canada सरकार ने हाल ही में कई नीतिगत बदलाव किए हैं, जो भारतीय छात्रों की संख्या में कमी का मुख्य कारण बन रहे हैं। 2023 में, भारतीय छात्रों ने Canada के कुल अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का 37% हिस्सा बनाया था। लेकिन अब इन्हें कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
2023 में, लगभग 319,000 भारतीय छात्र कनाडा गए थे, लेकिन 2024 से कनाडा सरकार ने स्टडी परमिट्स की संख्या को लगभग 360,000 पर सीमित कर दिया है। यह पिछले साल की तुलना में 35% की कमी है। यह सीमा प्रांतों और क्षेत्रों की जनसंख्या के आधार पर वितरित की गई है, जिससे भारतीय छात्रों के लिए परमिट प्राप्त करना कठिन हो गया है।
आर्थिक बोझ
पंजाब से ही छात्रों का Canada में शिक्षा पर प्रति वर्ष 68,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होता है। यह दिखाता है कि नीतिगत बदलावों का आर्थिक प्रभाव कितना जरूरी है। अब छात्रों को यह साबित करना होगा कि उनके पास $20,635 हैं, जो पहले $10,000 की आवश्यकता से काफी अधिक है।
अक्टूबर से दिसंबर 2023 तक, भारतीय छात्रों को जारी किए गए स्टडी परमिट्स में 86% की गिरावट आई है, जो 108,940 से घटकर 14,910 रह गई है। यह गिरावट भारत-कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव और भारतीय छात्रों द्वारा कम आवेदन करने के कारण हुई है।
Canada वर्क परमिट की सख्त शर्तें
कनाडा ने नए नियम लागू किए हैं जो अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को ऑफ-कैंपस काम करने की सीमा 24 घंटे प्रति सप्ताह तक सीमित करते हैं। यह नियम सितंबर 2024 से लागू होगा। इसके अलावा, ओपन वर्क परमिट्स को सीमित कर दिया गया है, जो केवल मास्टर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों के छात्रों के जीवनसाथियों के लिए उपलब्ध होंगे।
भारतीय छात्रों को अब यह दिखाना होगा कि उनके पास $20,635 हैं, जो पिछले 20 वर्षों से $10,000 की आवश्यकता से काफी अधिक है। यह बदलाव छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ा सकता है।
शिक्षा संस्थानों की सख्त जांच
1 दिसंबर 2023 से, नामित शिक्षा संस्थानों को हर स्वीकार्यता पत्र को सीधे IRCC के साथ पुष्टि करनी होगी। यह कदम धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाया गया है, लेकिन इससे आवेदन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और भारतीय छात्रों पर अतिरिक्त तनाव बढ़ता है।
हाल ही में भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव भी छात्रों की संख्या में कमी का एक बड़ा कारण है। कूटनीतिक तनाव के कारण कनाडा में भारतीय छात्रों के स्टडी परमिट्स की प्रक्रिया धीमी हो गई है।