डेली संवाद, लखनऊ
कोरोना वायरस के चलते देश भर में लाकडाउन है। संकट की इस घड़ी में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ कमजोर वर्गों की मदद के लिए दिनरात सेवा में जुटे हैं। यह संकट की घड़ी है। ऐसी घड़ी में समाज का रोज कमाने-खाने वाला तबका सर्वाधिक संवेदनशील होता है।
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सामूहिक संकट की इस घड़ी में हर सक्षम व्यक्ति या संस्था का फर्ज होता है कि वह जरूरतमंदों की संभव मदद करें, पर सर्वाधिक फर्ज तो सरकार का बनता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार कोरोना का संकट शुरू होने के साथ ही लगातार ऐसे कदम उठा रही है। एक तरीके से उसने अपने सारे संसाधन और तंत्र को जरूरतमंदों की मदद के लिए लगा दिया है।
मसलन पंजीकृत लाखों दिहाड़ी मजदूरों के खाते में 1000 रुपये भेजे जा चुके हैं। जो पंजीकृत नहीं हैं उनको भी यह रकम पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। हर पात्र पेंशनर को इस माह के साथ दो माह की एडवांस पेंशन भी दी जा रही है। आम लोग रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के लिए परेशान न हों और एक जगह पर भीड़ एकत्र न हो इसके लिए घर-घर सामान के आपूर्ति की भी व्यवस्था की गयी है।
श्रम विभाग
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर श्रम विभाग दिहाड़ी मजदूरों को भरण-पोषण भत्ता दे रही है। देश में उत्तर प्रदेश के इस पहल को सभी सरकारों ने सराहा, अब अन्य राज्य सरकारें भी इसी अपने यहां लागू कर रही हैं। प्रदेश के अंदर श्रम विभाग में 20,37,000 पंजीकृत श्रमिकों को भरण पोषण के रूप में एक हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजा है। इस पर सरकार करीब 203 करोड़ रुपए का व्यय वहन कर रही है।
अंत्योदय योजना और दिहाड़ी मजदूर
इसके साथ ही अंत्योदय योजना में ग्रामीण क्षेत्र के 37,51,000 लाभार्थी, अंत्योदय योजना में शहरी क्षेत्र के 3,43,000 लाभार्थी और असंगठित मजदूर (दिहाड़ी मजदूर) 15,60,000 लाभार्थी शामिल हैं। इन्हें भरण पोषण के रूप में एक हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से इनके अकाउंट में भेजा जा रहा है।
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नगर विकास विभाग
प्रदेश के अंदर घुमन्तू जैसे ठेला, खोमचा, रेहड़ी और रिक्शा चलाने, साप्ताहिक बाजार आदि का कार्य करने वाले करीब 15 लाख लोगों को नगर विकास विभाग एक हजार रुपए भरण-पोषण के लिए मुहैया करवा रही है। इसे भी डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजा जा रहा है। इस पर सरकार का करीब 150 करोड़ रुपए का व्यय भार अऩुमानित है।
मनरेगा
मुख्यमंत्री योगी ने मनरेगा के मजदूरों को तत्काल मजदूरी का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार से करीब 556 करोड़ रुपए की धनराशि के भुगतान की कार्यवाही तत्काल मार्च 2020 में ही कराई जा रही है। इसके तहत 88,40,000 मनरेगा श्रमिकों को तत्काल भुगतान किया जा रहा है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों के माध्यम से प्रदेश के सभी 1,65,31,000 श्रमिकों को दो महीने तक निशुल्क राशन मुहैया करवाया जा रहा है। इसमें प्रति परिवार को 20 किलो गेहूं, 15 किलो चावल मुफ्त दिया जा रहा है। इस पर सरकार का करीब 64.50 करोड़ का व्यय भार आएगा। इसके लिए नोडल अफसर तैनात किए गए हैं।
समाज कल्याण विभाग
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर प्रदेश में लागू विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत 83,83,000 लाभार्थियों को दी जाने वाली त्रैमासिक पेंशन की धनराशि को अब दो माह की अग्रिम पेंशन दी जा रही है। इसमें वृद्धावस्था पेंशन के 46,97,000 लाभार्थी, दिव्यांगजन पेंशन के 10,76,000 लाभार्थी, निराश्रित और विधवा महिला पेंशन के 26,10,000 लाभार्थी शामिल हैं।
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छूटे असहाय लोगों की जिला प्रशासन और नगर निकाय करेगा मदद
मुख्यमंत्री योगी ने इसके साथ ही अन्य तरह के असहाय लोगों के लिए भी पूरी तरह से व्यवस्था की है। अगर कोई असहाय व्यक्ति बच जाता है, जिसके पास अपने व अपने परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था नहीं है, उसकी भी सरकार पूरी मदद करेगी। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी की समिति तथा नगरीय क्षेत्रों में उपजिलाधिकारी व नगर मजिस्ट्रेट व संबंधित नगर निकायों के आयुक्त व अधिशासी अधिकारी की समिति की संस्तुति पर 1000 रुपए प्रतिमाह की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
डोर टू डोर डिलीवरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन व अन्य विभाग जुटकर आवश्यक वस्तुओं को (डोर स्टेप डिलीवरी) घर-घर डिलीवरी शुरू कर रहे हैं। सिविल सप्लाइज की व्यवस्था के लिए एपीसी (कृषि उत्पादन आयुक्त) की अध्यक्षता में कमिटी गठित हुई है। यही नहीं सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है, इसके लिए कम्युनिटी किचन चालू किया जा रहा है। होटल, फास्ट फूड मेकर्स, मिड-डे मील संस्थाओं, धर्मार्थ संस्थाओं, मठ, मंदिर, गुरुद्वारे आदि जहां भी बड़ी मात्रा में सुरक्षित फूड तैयार हो सकता है, वहां फूड पैकेट्स तैयार किए जा रहे हैं। ‘डोरस्टेप डिलीवरी’ के लिए 12,123 वाहनों की व्यवस्था की गई है।
स्वास्थ्य विभाग
अब तक प्रदेश में 6 हजार से ज्यादा आइसोलेशन बेड चिन्हित किए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 18001805145 जारी किया है। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा इमरजेंसी सेवाएं चालू की गई हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के उपचार को लेकर सरकार की तरफ से तीन स्तरीय व्यवस्था की गई है। जिलों में सीएचसी को कोविड अस्पताल में तब्दील किया गया है। जिले स्तर पर जो अस्पताल हैं उन्हें लेवल 2 का अस्पताल बनाया गया है। तीसरे लेवल के लिए चिकित्सा शिक्षा द्वारा बनाए गए विशिष्ट अस्पतालों को शामिल किया गया है।
सीएम हेल्पलाइन 1076 पर स्वास्थ्य से जुड़ी शिकायत करें
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 से 10 हजार प्रधानों को फोन किया गया है और पिछले दो हफ्तों में बाहर से आये लोगों की जानकारी ली गई है। ताकि जो भी संदिग्ध व्यक्ति है उसकी चेकिंग और मॉनिटरिंग कराई जा सके। कोई भी व्यक्ति अब मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर भी स्वास्थ्य से जुड़ी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
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हर जिले में कंट्रोल रूम
हर जिले में डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रुम बनाया गया है। उत्तर प्रदेश में भी सभी विधायक, एमएलसी, मंत्री अपनी निधि से मेडिकल साधनों के लिए धनराशि उपलब्ध करवा रहे हैं। यही नहीं लॉक डाउन के वक्त पूरे प्रदेश में एक सफाई अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 1788 एफआईआर धारा 188 के उल्लंघन में दर्ज। 5592 लोगों का चालान किया गया, अबतक 6082 बैरियर प्रदेश के विभिन्न शहरों में लगाए गए। अभी तक 38 पीड़ितों की संख्या सामने आई है।
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