पंजाब कांग्रेस कमेटी ने 4 पन्नों की रिपोर्ट सोनिया को सौंपी, पार्टी को कैप्टन पर पूरा भरोसा, डिप्टी सीएम बन सकते हैं सिद्धू

Daily Samvad
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नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के भीतर चल रहे विवाद (Dispute) के समाधान के लिए बनाई गई तीन नेताओं की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को सौंप दी है. इस कमेटी के सामने पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह समेत नवजोत सिद्धू और अन्य नेता उपस्थित हो चुके हैं. अब कमेटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट दे दी है।

यहां बता दें कि इस कमेटी में मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीश रावत और जयप्रकाश अग्रवाल शामिल थे। गुरुवार को इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंप दी है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि ज्यादातर विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व पर विश्वास जताया है। जिसके बाद यह तय हो गया है कि अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस का चेहरा फिलहाल बने रहेंगे।

कांग्रेस में खाली पदों को भरने की सिफारिश

यह भी कहा जा रहा है कि इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जांच-पड़ताल के दौरान कैप्टन के खिलाफ फिलहाल किसी गुटबाजी की बात सामने नहीं आई है और नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर विधायकों का कोई ग्रुप भी एकजुट नहीं हुआ है। इस कमेटी ने पंजाब कांग्रेस में खाली पदों को भरने की सिफारिश भी की है। पंजाब में अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पार्टी कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहती है और पार्टी की कोशिश है कि किसी नेता को नाराज भी नहीं किया जाए।

खबर है कि नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर तीन सदस्यी कमेटी ने कहा है कि उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। संभावना है कि राज्य कांग्रेस में सिद्धू को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है या फिर उन्हें डिप्टी सीएम का पद भी ऑफर किया जा सकता है। यह भी कहा जा रहा है सिद्धू को चुनाव कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह को नजरअंदाज किया तो सियासी नुकसान

बहरहाल पंजाब कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर कई राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि इस समय कैप्टन के अलावा अन्य कोई भी नेता इतना कद्दावर नहीं है, जो अपने दम पर अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिला सके। ऐसे में पार्टी हाईकमान बिना ‘कैप्टन’ के 2022 के चुनाव में उतरने का जोखिम मोल नहीं लेना चाहेगी।

पार्टी के अंदरखाने से खबर यह थी कि नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा प्रताप बाजपा, विधायक परगट सिंह और सुखजिंदर सिंह रंधावा जैसे नेता भी कैप्टन के नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। लेकिन हाईकमान का मानना है कि अगर नाराज खेमे को आगे कर कैप्टन अमरिंदर सिंह को नजरअंदाज किया गया तो शायद अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

कमेटी की रिपोर्ट में ये सब

  • कैप्टन अमरिंदर सिंह के काम करने के स्टाइल से कांग्रेस विधायक नाराज हैं. कैप्टन कांग्रेस के विधायक और नेताओं से महीनों नहीं मिलते. जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ी है।
  • कांग्रेस के विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए तुरंत पंजाब कांग्रेस का पुनर्गठन किया जाए. पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं को इसमें जगह दी जाए।
  • रिक्त पड़े निगम/बोर्ड और दूसरी जगहों पर कांग्रेस के लोगों को नियुक्त किया जाए।
  • नवजोत सिद्धू की नाराजगी दूर करने के लिए कमेटी ने सिफारिश दी है कि उन्हें तुरंत पॉलिटिकली एडजस्ट किया जाए. सिद्धू को क्या पद देना है इसका आखिरी फैसला सोनिया गांधी और कांग्रेस आलाकमान करेगा।
  • सूत्रों के मुताबिक सिद्धू अब कैप्टन अमरिंदर सिंह के मातहत काम नहीं करना चाहते।
  • कमेटी ने कहा है कि बेअदबी का मुद्दा संवेदनशील है. इसलिये इसको लेकर कमेटी कोई सिफारिश नहीं करेगी. जो भी प्रशासनिक फैसला करना है वो मुख्यमंत्री करें।
  • रिपोर्ट बनाते वक्त कमेटी के तीनों सदस्य कई मुद्दों पर एक-दूसरे से असहमत थे, लेकिन आखिरी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आम राय से भेजी गई।



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