डेली संवाद, नई दिल्ली। BSF DG: बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (Border Security Force) के चीफ डायरेक्टर जनरल नितिन अग्रवाल (Nitin Agarwal) और डिप्टी स्पेशल डायरेक्टर जनरल योगेश बहादुर (वाईबी) खुरानिया को केंद्र सरकार ने उनके पद से हटा दिया है। दोनों अधिकारियों को अपने-अपने होम कैडर (नितिन अग्रवाल को केरल और खुरानिया को ओडिशा) रिपोर्ट करने के लिए आदेश जारी हुआ है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने 30 जुलाई को कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी को आदेश जारी करने को कहा था, जिसके बाद डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग की डायरेक्टर साक्षी मित्तल ने ये आदेश जारी किए हैं।
हालांकि, दोनों टॉप अधिकारियों को हटाने की वजह और उन्हें मिलने वाली नई जिम्मेदारी के बारे में अभी नहीं बताया गया है। साथ ही BSF के नए चीफ और डिप्टी चीफ के नाम की घोषणा भी नहीं हुई है।
कार्यकाल अभी पूरा नहीं
नितिन अग्रवाल 1989 बैच के केरल कैडर के IPS ऑफिसर हैं। वे BSF के पहले डीजी होंगे, जिन्हें अपना कार्यकाल बीच में ही छोड़ना पड़ा। इससे पहले जिन्होंने भी डीजी की जिम्मेदारी संभाली, उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है। अग्रवाल ने पिछले साल जून में पदभार ग्रहण किया था। उनका कार्यकाल 2026 में पूरा होना था।
खुरानिया ओडिशा के DGP बन सकते हैं
वाईबी खुरानिया 1990 बैच के IPS ऑफिसर हैं। वे स्पेशल डीजी (वेस्ट) के रूप में पाकिस्तान बॉर्डर पर सिक्योरिटी इन-चार्ज थे। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वाईबी खुरानिया को ओडिशा में डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) की जिम्मेदारी मिल सकती हैं।
BSF की जिम्मेदारी मिलने से पहले भी वे ओडिशा पुलिस के बड़े पदों पर रह चुके हैं। वे एडिशनल DGP के अलावा राउरकेला, मयूरभंज और गंजम में SP भी रह चुके हैं। खुरानिया भुवनेश्वर, बेरहमपुर और संबलपुर रेंज के DIG और IG भी रह चुके हैं।
आतंकी घुसपैठ को लेकर फैसला
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने यह फैसला जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई बढ़ती घटनाओं को लेकर किया है। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 21 जुलाई तक जम्मू-कश्मीर में 24 एनकाउंटर और 11 आतंकी हमले हुए हैं। इनमें 14 आम नागरिकों और 14 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है। इनके अलावा कुछ रिपोर्ट्स में बांंग्लादेश बॉर्डर पर घुसपैठ को भी फैसले की वजह बताया गया है।
जम्मू में घुसपैठ का ज्यादा खतरा
BSF भारत के पश्चिमी हिस्से में जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से लगी करीब 2,290 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है। इनमें जम्मू क्षेत्र सीमा पार सुरंगों के लिए संवेदनशील है। जम्मू में घने जंगल और पहाड़ी इलाके हैं। आतंकवादी इन इलाकों में छिपकर हमला करते हैं। यहां घुसपैठ का ज्यादा खतरा होता है।