डेली संवाद, कनाडा। Canada Express Entry System: Canada PR Rules For Indians – कनाडा सरकार (Canadian Government) चार दिन बाद कई नियमों में बदलाव करने जा रही है। चार दिन बाद यानि 1 जनवरी 2025 में कनाडा में नौकरी (Job in Canada) या पढ़ाई (Study in Canada) करने के लिए जाने वाले लोगों को नए नियमों का पालन करना होगा।
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नए नियमों के मुताबिक कनाडा (Canada) पढ़ने गए छात्र वहां नौकरी करने के बाद परमानेंट रेजिडेंसी (PR) के लिए अप्लाई करते हैं। ठीक ऐसे ही नौकरी के लिए गए लोग भी एक वक्त के बाद पीआर (PR) के लिए आवेदन करते हैं। हालांकि, अगले साल एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम (Express Entry System) के जरिए मिलने वाले पीआर के नियम बिल्कुल नए होंगे। इसका सीधा असर भारतीयों पर पड़ने वाला है।
जॉब ऑफर होने का अब एक्स्ट्रा प्वाइंट्स नहीं
‘इमिग्रेशन, रेफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा’ (IRCC) ने कहा है कि एक्सप्रेस एंट्री के जरिए पीआर के लिए अप्लाई करने वाले लोगों को जॉब ऑफर होने का अब एक्स्ट्रा प्वाइंट्स नहीं मिलेगा। नए नियम 2025 से लागू हो रहे हैं। यह फैसला धोखाधड़ी कम करने के लिए लिया गया है, खासकर LMIA के दुरुपयोग को रोकने के लिए।
आपको बता दें कि पहले जॉब ऑफर होने पर CRS स्कोर बढ़ जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। भारतीय उम्मीदवारों पर नए नियमों का सबसे ज्यादा असर पड़ने वाला है। इसका सबसे ज्यादा असर पंजाब के लोगों पर पड़ने वाला है।
CRS क्या है?
‘कॉम्प्रिहेंसिव रैंकिंग सिस्टम’ (CRS) प्वाइंट बेस्ड सिस्टम है, जिसके जरिए एक्सप्रेस एंट्री के माध्यम से अप्लाई करने वाले लोगों की प्रोफाइल रैंकिंग तय होती है। एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम, कनाडा में स्किल वर्कर्स के लिए तेजी से पीआर पाने का रास्ता है।
आवेदकों को उनकी उम्र, एजुकेशन, वर्क एक्सपीरियंस, भाषा की जानकारी और जॉब ऑफर जैसे फैक्टर्स के आधार पर प्वाइंट्स मिलते हैं। जिनके प्वाइंट्स ज्यादा होते हैं, उन्हें ITA मिलने की संभावना अधिक होती है, जिससे वे पीआर के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एक्सप्रेस एंट्री प्वाइंट्स क्या है?
कनाडा के एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम के तहत, FSWP, CEC, या FSTP जैसे प्रोग्राम के जरिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को नौकरी के ऑफर के लिए अतिरिक्त CRS प्वाइंट मिलते थे। ये अतिरिक्त प्वाइंट अक्सर यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे कि किसी उम्मीदवार को PR के लिए ITA मिलता है या नहीं।
जानकार बताते हैं कि विदेशी नागरिकों को LMIA वाले जॉब ऑफर होने पर ज्यादा प्वाइंट मिलता था, जिस वजह से लोगों ने फर्जी LMIA सर्टिफिकेट लेना शुरू कर दिया था।
नए नियम से भारतीय कैसे होंगे प्रभावित?
कनाडा के नए नियमों का असर उन लोगों पर पड़ेगा, जो वहां काम के सिलसिले से जाना चाहते हैं या अभी टेंपरेरी वीजा पर हैं। हालांकि, जिन उम्मीदवारों को पहले ही ITA मिल चुका है या जिनके आवेदन प्रक्रिया में हैं, वे प्रभावित नहीं होंगे। भारत के लोग सबसे ज्यादा संख्या में कनाडा जाते हैं।
साल 2013 और 2023 के बीच, कनाडा जाने वाले भारतीयों की संख्या में 326% की वृद्धि हुई है। 2023 में, भारतीयों को 52,106 ITA मिले, जो एक्सप्रेस एंट्री रूट के तहत कुल आमंत्रणों का 47.2% है।
स्टडी परमिट से वर्क परमिट पर स्विच
जॉब ऑफर के प्वाइंट्स कम होने से, वास्तविक भारतीय आवेदकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन छात्रों को जो स्टडी परमिट से वर्क परमिट पर स्विच कर रहे हैं। उन्हें अब CRS के अन्य फैक्टर्स जैसे शिक्षा, भाषा की जानकारी और वर्क एक्सपीरियंस पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होगी।