Pahalgam Terror Attack: पहलगाम 26 पर्यटकों का मार कर कहां गायब हुए आतंकी? टूरिस्ट का इंतज़ार करते दिखे गाइड और घोड़ों वाले, कमाने के एकमात्र जरिया के बंद होने से परेशान

Mansi Jaiswal
15 Min Read
Pahalgam Terror Attack

डेली संवाद, पहलगाम। Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में आज आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया जिसमें 28 पर्यटकोंकी मौत हो गई, जबकि 20 लोग घायल हो गए। मशहूर टूरिस्ट स्पॉट बैसरन घाटी में टूरिस्ट फोटो ले रहे थे, वीडियो बना रहे थे, एडवेंचर एक्टिविटी कर रहे थे। तभी गोलियां चलने लगीं। फायरिंग वाली जगह से दूर टूरिस्ट्स पर कोई असर नहीं पड़ा। वे अपनी मस्ती में डूबे थे। थोड़ी देर में ही उन्हें भी समझ आ गया कि हमला हुआ है।

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जंगल की तरफ से आए आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। 10 से 15 मिनट में 26 लोगों को मार दिया। फिर वापस जंगल में गायब हो गए। उनका अब तक पता नहीं चला। बताया जा रहा है कि कुल 5 आतंकी थे। इनमें तीन लोकल और दो विदेशी हैं। आतंकियों ने हमले के लिए बैसरन घाटी को ही क्यों चुना, वहां कैसे पहुंचे? इन सभी सवालों के जवाब आज हम जानेगे।

पहलगाम में हमले के बाद गाइड और घोड़ों वालों का काम बंद हो गया है। वे टूरिस्ट के इंतजार में आते हैं, लेकिन कुछ देर रुककर लौट जाते हैं।
पहलगाम में हमले के बाद गाइड और घोड़ों वालों का काम बंद हो गया है। वे टूरिस्ट के इंतजार में आते हैं, लेकिन कुछ देर रुककर लौट जाते हैं।

छानबीन से समझ आया कि पहले फायरिंग जंगल की ओर से ही शुरू हुई। इसलिए वहां मौजूद टूरिस्ट सबसे पहले आतंकियों का निशाना बने। जंगल से गुजरने वाला ये रास्ता पहाड़ों से होते हुए त्राल और किश्तवाड़ से कनेक्ट होता है। ये दोनों जिले आतंकवाद का गढ़ रहे हैं। आतंकी त्राल के जंगलों से आए थे। पहलगाम से त्राल का सड़क से रास्ता करीब 55 किमी है, लेकिन जंगल के रास्ते ये दूरी करीब 20 किमी रह जाती है।

आतंकियों ने इसी का फायदा उठाया। फिलहाल पहलगाम के रास्ते खाली हैं। कहीं भी टूरिस्ट नहीं हैं। मार्केट में दुकानें, होटल और रेस्टोरेंट सब बंद हैं। खाली रास्तों से गुजरते हुए हम बैसरन घाटी पहुंचे। एंट्री पॉइंट पर कुछ घोड़े वाले खड़े मिले, लेकिन कुछ देर बाद वे भी चले गए।

‘लोकल सपोर्ट के बिना इतना बड़ा हमला मुमकिन नहीं’

इंटेलिजेंस एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि आतंकियों को लोकल सपोर्ट मिल रहा था। बिना इसके इतना बड़ा हमला नहीं हो सकता। अनंतनाग पुलिस और जांच कर रहीं एजेंसियां अब तक 200 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी हैं। इनमें घाटी तक टूरिस्ट को ले जाने वाले गाइड, घोड़ेवाले, चाय-मैगी बेचने वाले, एक्टिविटी कराने वाले और दुकानदार शामिल हैं। इन सभी से कहा गया है कि जांच चलने तक उन्हें मीडिया से बात नहीं करनी है।

हालांकि हमने यहां कुछ दुकानदारों से बात की। वे बताते हैं, ‘पहलगाम में अप्रैल से नवंबर तक पीक सीजन होता है। ये फेमस टूरिस्ट स्पॉट है, इसलिए दुकानों का किराया बहुत ज्यादा है। 300 से ज्यादा दुकानें हैं। सभी बंद हैं। बैसरन घाटी में खाने-पीने की चीजें बेचने वाले, घोड़े वाले, बाइक वाले करीब 200 लोग काम करते हैं। हमले के बाद सभी घर चले गए।’

इंटेलिजेंस यूनिट के अफसर हमले का वीडियो बनाने वालों और टूरिस्ट की मदद करने वालों से भी पूछताछ कर रहे हैं। घाटी के टूरिज्म से जुड़े सभी लोकल लोगों के फोन नंबर की डिटेल खंगाली जा रही है।

सज्जाद और उनके साथ मौजूद लोकल कश्मीरियों ने 10 से 15 टूरिस्ट को हॉस्पिटल पहुंचाया। उनका यही वीडियो वायरल हो गया।
सज्जाद और उनके साथ मौजूद लोकल कश्मीरियों ने 10 से 15 टूरिस्ट को हॉस्पिटल पहुंचाया। उनका यही वीडियो वायरल हो गया।

बच्चों को कंधे पर उठाकर भागे, गाइड सज्जाद का वीडियो वायरल

हमले के वक्त का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कश्मीरी शख्स एक बच्चे को कंधे पर उठाकर भाग रहा है। ये पहलगाम के सज्जाद अहमद भट हैं। सज्जाद बताते हैं, ‘मैं टूरिस्ट गाइड हूं। शॉल भी बेचता हूं। हमला हुआ, तब घर पर था। पता चला कि बैसरन घाटी में अटैक हुआ है। कई लोग घायल हैं।’

‘मैं तुरंत वहां पहुंचा। वहां लोग भाग रहे थे। वे घबराए हुए थे। पानी मांग रहे थे। मैंने उन्हें पानी पिलाया। वहां और भी लोकल लोग मौजूद थे। हमारे पास घायलों को नीचे लाने का कोई साधन नहीं था। इसलिए हमने उन्हें कंधे पर बिठाया और नीचे की ओर भागे। 10-15 लोगों को घोड़े पर हॉस्पिटल ले गए। तभी किसी ने मेरा वीडियो बना लिया और वो वायरल हो गया।’ ‘लोगों को लग रहा है कि मैं ही बस घायलों को कंधे पर ले गया था। ऐसा करने वाले काफी लोग हैं। मैं बच्चे और दूसरे कुछ लोगों को ले गया।’

हमले के बारे में सज्जाद कहते हैं, यहां सिर्फ टूरिस्ट का कत्ल नहीं हुआ, बल्कि कश्मीरियत का कत्ल हुआ। सभी टूरिस्ट हमारे परिवार का हिस्सा हैं। ये कौन समझेगा कि कश्मीर कितना गमगीन है।

‘आतंकियों ने पहले पहाड़ियों से गोलियां बरसाईं ’

सज्जाद की तरह ही नजाकत अहमद शाह ने 11 टूरिस्ट को बचाया। सभी टूरिस्ट छत्तीसगढ़ के थे। नजाकत कहते हैं, ‘मैं 3-4 महीने शॉल बेचने छत्तीसगढ़ जाता हूं। बाकी टाइम टूरिस्ट गाइड का काम करता हूं। छत्तीसगढ़ से आए टूरिस्ट मेरे जानने वाले थे। इसमें 4 कपल और 3 बच्चे थे। सभी 17 तारीख को जम्मू आए थे। मैंने उन्हें गुलमर्ग और जम्मू घुमाया। आखिर में पहलगाम ले आया था।’

‘हम 12:30 बजे घोड़े से बैसरन घाटी पहुंचे। वहां बच्चों के साथ खेल रहे थे। उस समय घाटी में 1-2 हजार टूरिस्ट थे। तभी 2-3 बार फायरिंग हुई। टूरिस्ट ने मुझसे पूछा कि क्या हो रहा है। मुझे लगा बच्चे पटाखे फोड़ रहे होंगे। फिर सभी लोग चीखने-चिल्लाने लगे। हम लोग जमीन पर लेट गए।’

‘फिर मैंने बच्चों को उठाया। एक को गोद में लिया, दूसरे को पीठ पर बिठाया। एक बच्चे को हाथ से पकड़ा। सभी लोगों को साथ लिया। हम भागते-भागते नीचे पहलगाम पहुंचे। नीचे आकर पता चला कि एक महिला ऊपर ही रह गई है। मैं फिर से बैसरन घाटी गया और उन्हें भी लेकर नीचे आया।’

फायरिंग किस तरफ से हो रही थी? इस सवाल पर नजाकत अहमद बताते हैं, ‘हम जिस जगह खड़े थे, उसकी दूसरी वाली साइड से फायरिंग शुरू हुई थी। पहले आतंकी पहाड़ी से गोलियां बरसा रहे थे। इसके बाद अलग-अलग तरफ से फायरिंग होने लगी। हम तो किसी को नहीं देख पाए। हम तुरंत बच्चों को लेकर नीचे उतर आए थे।’

संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी
संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी

5 किमी दूर CRPF का कैंप, लेकिन बैसरन घाटी में सिक्योरिटी नहीं

सोर्स बताते हैं, ‘आतंकियों को पता था कि बैसरन घाटी में सिक्योरिटी नहीं होती है। आसपास CCTV कैमरे भी नहीं हैं। घाटी से करीब 5 किमी दूर पहाड़ी से नीचे CRPF का कैंप है। उन्हें भी मौके पर पहुंचने में आधे घंटे लग सकते हैं। ​​​​बैसरन घाटी तक सिर्फ पैदल या फिर घोड़े और ATV बाइक्स से ही जा सकते हैं। इसलिए सिक्योरिटी फोर्स के पहुंचने से पहले आतंकी जंगल के रास्ते भाग निकले।’

डिफेंस एक्सपर्ट बोले- त्राल के जंगल आतंकियों का गढ़, बैसरन घाटी से सबसे करीब

हमने रिटायर्ड ब्रिगेडियर विजय सागर से हमले के तरीके और लोकेशन पर बात की। वे श्रीनगर के अलावा नॉर्थ कश्मीर में तैनात रहे हैं। अभी जम्मू में रहते हैं। हमने उनसे पूछा कि आखिर आतंकी कैसे आसानी से बैसरन घाटी तक पहुंच गए, इसके बाद कहां गायब हो गए? वे बताते हैं, ‘बैसरन घाटी दो तरफ से पहाड़ों से घिरी है। दोनों तरफ जंगल हैं। बाईं तरफ वाला जंगल किश्तवाड़ तक फैली पहाड़ी का है। दाईं तरफ त्राल वाले जंगलों की पहाड़ी थी।’

विजय सागर बताते हैं, ‘त्राल का जंगल पाकिस्तानी और लोकल सपोर्ट वाले आतंकियों का गढ़ है। यहीं से उन्हें सपोर्ट मिलता है। ये बैसरन घाटी से सटा हुआ है। आतंकियों के लिए छिपने की सबसे सेफ जगह त्राल का जंगल ही है। मुझे लगता है कि उसी रास्ते से आतंकी बैसरन घाटी में आए होंगे।’

‘पिछले 3-4 साल से कश्मीर में टूरिज्म अच्छा हो रहा है। इससे बंपर मुनाफा हो रहा है। अब पहलगाम पूरी तरह खाली हो चुका है। यहां पीक सीजन में टूरिज्म से हर रोज 2 करोड़ रुपए की कमाई हो जाती है।’

‘जम्मू-कश्मीर में आज तक किसी टूरिस्ट पर अटैक नहीं हुआ। पहली बार आतंकियों ने टूरिस्ट को टारगेट बनाया है। इससे पहले कभी-कभार अटैक के दौरान फायरिंग में गलती से कोई टूरिस्ट निशाने पर आ जाता था। कभी जानबूझकर टूरिस्ट को टारगेट नहीं किया गया। मेरा मानना है कि इसमें सिर्फ पाकिस्तान की भूमिका नहीं है। इसमें कहीं न कहीं चीन की भूमिका हो सकती है।’

‘अमेरिका के वाइस प्रेसिडेंट जेडी वेंस भारत आए थे। बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट की बात होनी थी। सऊदी अरब में भी इंडिया से बिजनेस की बात चल रही थी।’

Pahalgam Terror Attack
Pahalgam Terror Attack

‘कश्मीर में टूरिस्ट बढ़े, इसलिए पाकिस्तान ने अटैक कराया’

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी बताते हैं, ‘इस हमले में पाकिस्तान का ही हाथ है। आर्टिकल-370 हटा तो अफवाह फैल गई कि अब बाहरी लोग कश्मीर में आकर बस जाएंगे। यहां जमीन लेंगे। ISI के सपोर्ट से आतंकी संगठन चाहते हैं कि कश्मीर के लोगों में खौफ पैदा करें, ताकि उन्हें आर्टिकल-370 हटाने का विरोध याद रहे।’

‘बैसरन में तो आतंकी वारदात के समय सैकड़ों लोग थे। दुकान वाले थे, लेकिन जैसे मुंबई में कसाब को पकड़ा गया था, वैसी कोशिश नहीं की गई। यहां किसी की हिम्मत ही नहीं हुई। इसलिए मैं कह रहा हूं कि लोकल सपोर्ट के बिना ये अटैक संभव नहीं है। हमला दोपहर के वक्त हुआ। ऐसे समय में आतंकियों को ट्रेस करना आसान होता है। इस केस में ऐसा नहीं हुआ।’

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी आगे कहते हैं, ‘पाकिस्तान ने कश्मीर में आतंकवाद के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए हैं, उसका मकसद है कि वो बर्बाद नहीं होना चाहिए। पिछले 4-5 साल में टूरिज्म से लोगों की कमाई होने लगी है। इस घटना से आतंकियों ने लोकल कश्मीरियों को भी आगाह किया कि आप लोग सिर्फ पैसा कमाने में ध्यान में मत दीजिए। अपने मकसद को याद रखें।’

हमले में शामिल एक आतंकी अनंतनाग का

हमले में शामिल आतंकी आदिल हुसैन अनंतनाग का रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक आदिल 2018 में पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग लेने गया था। अंदेशा है कि वो नवंबर या दिसंबर 2024 में पुंछ या राजौरी से सटे बॉर्डर से घुसपैठ कर कश्मीर में घुसा है। ये भी पता चला है कि वो पहाड़ियों में काफी समय तक छिपा रहा। सुरक्षा एजेंसियों ने आदिल समेत तीन आतंकियों के स्केच जारी किए हैं।

Pahalgam Terror Attack
Pahalgam Terror Attack

PM बोले- आतंकियों को उनकी कल्पना से बड़ी सजा मिलेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में एक सभा के दौरान कहा, ‘मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि इन आतंकियों को और इस हमले की साजिश करने वालों को उनकी कल्पना से बड़ी सजा मिलेगी, सजा मिलकर रहेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।’

सरकार ने माना सुरक्षा में चूक हुई

केंद्र सरकार ने गुरुवार को माना कि पहलगाम हमले में सुरक्षा में चूक हुई है। सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि IB और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने मीटिंग में विपक्षी नेताओं को सुरक्षा में हुई चूक के बारे में जानकारी दी।

विपक्ष ने कहा कि वे सरकार के साथ हैं। मीटिंग के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हर एक्शन पर सरकार को पूरा सपोर्ट है। राहुल कश्मीर पहुंचे हैं। वे अनंतनाग में हमले में घायल हुए लोगों से मिलने जाएंगे।

Pahalgam Terror Attack News
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आर्मी चीफ श्रीनगर पहुंचे, टॉप कमांडर्स से मिलेंगे

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी आज यानी 25 अप्रैल को श्रीनगर में हैं। पहलगाम हमले के मद्देनजर वे सुरक्षा हालात की समीक्षा करेंगे। लोकल मिलिट्री फॉर्मेशन के टॉप कमांडर्स जनरल द्विवेदी को ब्रीफ करेंगे। साथ ही उन्हें कश्मीर और नियंत्रण रेखा (LoC) पर चलाए जा रहे एंटी टेररिस्ट ऑपरेशन की जानकारी देंगे।

इस्लामाबाद में भारतीय हाई कमीशन के बाहर हंगामा

इस्लामाबाद में भारतीय हाई कमीशन के बाहर हंगामा हुआ। पाकिस्तानी जर्नलिस्ट शफाकत अली ने सोशल मीडिया X पर इसका वीडियो शेयर किया। हाई कमीशन के बाहर काफी संख्या में लोग जमा हो गए और गेट तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की। हंगामा कर रहे लोगों ने भारत विरोधी नारे भी लगाए।

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