- भाग असरदार ढंग से नदियों के प्रदूषण को रोकें – एन.जी.टी. कमेटी
- ‘अधिकारियों की ढील बर्दाश्त नहीं होगी’
- प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को काली वेईं में अवशेष न फेंके जाने को यकीनी बनाने की की हिदायत
डेली संवाद, चंडीगढ़
राज्य की नदियों में प्रदूषण की समस्या को बिल्कुल भी सहन न करने का जि़क्र करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा गठित निगरान कमेटी ने प्रभावी और नतीजा प्रमुख तरीके से इस समस्या से निपटने के लिए कमर कसने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को कहा है और ऐसा न करने की सूरत में सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी है।
कमेटी ने पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, म्यूंसीपल कोर्पोरेशन लुधियाना और जालंधर को उद्योगों और घरों का दूषित पानी नदियों में गिरने से रोकने के लिए सख्त निगरानी रखने के लिए कहा है। इसके साथ ही कमेटी ने नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाईयों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए भी कहा है।
नदियों की सफ़ाई के लिए लागू कार्य योजना की प्रगति का सातवीं मीटिंग में निगरान कमेटी के चेयरमैन जस्टिस जसबीर सिंह (सेवामुक्त) ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व सम्बन्धित प्रसिद्ध वातावरण प्रेमी बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा उठाए गए मुद्दों का जि़क्र किया और ऐतिहासिक काली वेईं में कोई भी अवशेष न फेंके जाने को यकीनी बनाने के लिए पंजाब प्रदेश कंट्रोल बोर्ड को निर्देश दिए। चेयरमैन ने कहा कि इस सम्बन्ध में किसी भी तरह की ढील सहन नहीं की जायेगी। जस्टिस जसबीर सिंह ने कहा कि कमेटी जल्दी ही अमृतसर, जालंधर और लुधियाना समेत विभिन्न जिलों की ज़मीनी हकीकतों का अनुमान लगाने के लिए जल्द ही इन स्थानों का दौरा करेगी। कमेटी की अगली मीटिंग 11 दिसंबर को रखी गई और चेयरमैन ने सम्बन्धित अधिकारियों को अपना काम निर्धारित समय में मुकम्मल करने के लिए कहा है। उन्होंने पिछले कुछ महीनों से विभिन्न स्थानों के दौरे करने के बाद कमेटी द्वारा लिए गए फ़ैसलों और सिफारिशों पर विभागों /एजेंसियों को उचित कार्यवाही अमल में लाने के लिए कहा।
मीटिंग में यह भी फ़ैसला किया गया है कि राज्य की नदियों को प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए शामिल सभी एजेंसियाँ यह यकीनी बनाऐंगी कि वह समय पर अपनी कार्यवाही रिपोर्ट पेश करें और ऐसा न करने की सूरत में सम्बन्धित अधिकारी जि़म्मेवार होगा। कमेटी ने पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और म्यूंसीपल कोर्पोरेशन लुधियाना को हिदायत दी है कि जमालपुर, भट्टियां 1 और 2, बल्लोके -1 और 2 सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों को जल्द अमल में लाया जाये जिससे इनमें गंदे पानी का बहाव रोका जा सके। कमेटी ने लुधियाना में 15 एम.एल.डी., 40 एम.एल.डी. और 50 एम.एल.डी. के अलावा जालंधर में 15 एम.एल.डी. सी.ई.टी.पी. और जालंधर में 5 एम.एल.डी. सी.ई.टी.पी. का स्तर ऊँचा उठाने और लैदर कांपलैक्स में 6 एम.एल.डी. कॉमन ऐफलूऐंट ट्रीटमेंट प्लांटों की स्थापना करने में तेज़ी लाने की हिदायत दी।
नदियों के पानी के मानक पर निगरानी के सम्बन्ध में कमेटी को बताया गया कि सतलुज नदी के एक हिस्से में पानी के मानक में सुधार हुआ है जहाँ सतलुज और घग्गर नदियों के विभिन्न हिस्सों में पानी के मानक में सुधार लाने की कोशिशें की जा रही हैं।
कमेटी ने लुधियाना में ताजपुर और हैबोवाल में डेयरी कांपलैक्स के अवशेष के लिए ऐफलूऐंट ट्रीटमेंट प्लांट /बायो गैस प्लांट स्थापित करने की प्रगति का जायज़ा लिया। ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग ने कमेटी को बताया कि गाँवों में ट्रीटमेंट की सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं। पहले दौर में 127 गाँवों की शिनाख्त की गई है जबकि 5 गाँवों में काम मुकम्मल हो गया है और 18 अन्य गाँवों में काम चल रहा है।
जस्टिस जसबीर सिंह ने भू और जल संरक्षण विभाग को लुधियाना के सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के द्वारा संशोधित पानी का सिंचाई मकसदों के लिए पुन: प्रयोग करने के लिए एक विस्तृत योजना पेश करने के लिए कहा है। विभाग ने बताया कि इसने संशोधित पानी का प्रयोग करने के लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए बड़ी मुहिम शुरू की है इसके साथ ही नाबार्ड ने पहले ही राज्य में 25 सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के व्यर्थ जा रहे पानी का प्रयोग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इससे पहले कमेटी के पूर्व चेयरमैन जस्टिस प्रीतम पाल (सेवामुक्त) ने नए नियुक्त चेयरमैन जस्टिस जसबीर सिंह की कमेटी के सदस्यों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ जान- पहचान कराई।